NewDelhi : दुर्गा पूजा इस साल भारत के लिए महत्वपूर्ण खबर लेकर आयी है. खबरों के अनुसार यूनेस्को ने दुर्गा पूजा को यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (ICH) की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया है. यह इसलिए भी अहम है, क्योंकि ऐसा होने वाला यह पहला भारतीय त्योहार है.
भारत की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के रूप में सांस्कृतिक और विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने यह जानकारी शेयर की है. लेखी ने बताया कि भारत को 2022-26 चक्र के लिए अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए यूनेस्को की 2003 कन्वेंशन की अंतर सरकारी समिति के लिए चुना गया है. इसके अलावा अब भारत ने अगले विचार के लिए यूनेस्को को गरबा को लिस्ट में शामिल करने के लिए भेजा है.
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सरकार ने अहम भूमिका अदा की
मीनाक्षी लेखी ने यूनेस्को सूची में शामिल किये जाने की लंबी प्रक्रिया का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे मोदी सरकार ने दुर्गा पूजा को यूनेस्को की इस सूची में सफलतापूर्वक शामिल कराने में अहम भूमिका अदा की. कहा कि शिक्षा मंत्रालय भारत में यूनेस्को की नोडल एजेंसी है, जबकि संस्कृति मंत्रालय यूनेस्को की सूची में शिलालेखों के लिए डोजियर तैयार करने का काम करती है. बताया कि विदेश मंत्रालय यूनेस्को में प्रस्ताव को सफलतापूर्वक पारित कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाता है.
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समारोह में 30 कारीगरों और कलाकारों को सम्मानित किया जायेगा
केंद्रीय मंत्री ने दुर्गा पूजा और पूरे त्योहार को धूमधाम और उत्साह से मनाने के तौर पर पंडालों के लिए मूर्तियां बनाने में शामिल कारीगरों के अमूल्य योगदान को भी स्वीकार किया. बताया कि उनके महान योगदान का जश्न मनाने के लिए संस्कृति मंत्रालय आज 24 सितंबर को कोलकाता के भारतीय संग्रहालय मे विशेष समारोह भी आयोजित कर रहा है. समारोह में 30 कारीगरों और कलाकारों के चुनिंदा समूह, जो दुर्गा पूजा समारोह में शामिल होते रहे हैं, को सम्मानित किया जायेगा.