Ranchi: राजधानी में हर साल धूमधाम से मनाया जाने वाला त्योहार दुर्गा पूजा भी इस बार कोरोना के कारण बेरंग ही रहा. प्रत्येक साल दुर्गा पूजा के मौके पर राजधानी की सड़कों पर दिन-रात रौनक देखने को मिलती थी. लेकिन इस साल सभी त्योहारों की तरह ही दुर्गा पूजा के मौके पर भी सड़कें विरान ही नजर आ रही हैं. खासकर रात में होने वाली रौनक पूरी तरह से गायब है. हालांकि कुछ लोग रात में पंडाल देखने जरूर निकल रहे हैं, लेकिन इनकी संख्या बहुत कम है.
सड़कों पर हो जाता था करोड़ो का व्यापार
फुटकर दुकानदारों को दुर्गा पूजा का बेसब्री से इंतजार रहता है. कई तो ऐसे भी बड़े व्यापारी हैं जो इन चार से पांच दिनों के व्यापार के लिए सड़कों पर भी दुकान लगाने से पीछे नहीं हटते थे. वहीं सड़कों पर रोज दुकान लगाने वाले दुकानदार भी कई दिनों पहले से ही दुर्गा पूजा की तैयारी में जुट जाया करते थे. लेकिेन इस बार कोरोना के कारण इन छोटे व्यापारियों को भी काफी नूकसान उठाना पड़ रहा है. कुछ जानकारों से बात करने पर उन्होंने बताया कि इस 4से 5 दिनों के मेले में सड़क पर ही करोड़ों का कारोबार हो जाता था.
बच्चे भी हैं मायूस
5 महीनों से ज्यादा समय तक स्कूलों के बंद होने के कारण स्कूल जाने वाले बच्चों में भी दुर्गा पूजा घूमने और मेला जाकर इंजाव्य करने की ललक हमेशा देखी जाती रही है.लेकिन इस बार मेले नहीं लगने के कारण उन्हें भी मायूसी हाथ लगी है.
सरकार और प्रशासन ने भी दी थी सख्त हिदायत
कोरोना के संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने भी सीमित तरीके से पूजा पंडालों के निर्माध की इजाजत दी थी. जिसे देखते हुए इस सामान्य पूजा पंडालों का ही निर्माण किया गया है. राजधानी के कई पूजा पंडालों में इस बार मां की सांकेतिक पूजा की जा रही है और बस परंपरा को निभाने का काम किया जा रहा है.
कोलकाता के बाद रांची के पंडाल हैं प्रसिद्व
देश में दुर्गा पूजा का नाम आते ही लोगों के मन में सबसे पहले कोलकाता ही जहन में आता है. लेकिन रांची की पूजा को भी कम नहीं आंका जाता. झारखंड में रांची और जमशेदपुर की दुर्गा पूजा को काफी प्रसिद्व है.