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दुर्गा पूजा : हरमू में वृंदावन का प्रारूप, आरआर स्पोर्टिंग क्लब में दिखेगा वेटिकन सिटी का नजारा

 Basant Munda

  Ranchi : हरमू स्थित पंच मंदिर दुर्गा पूजा समिति पिछले 65 वर्षों से दूर्गा पूजा का आयोजन करती आ रही है. यहां पर दुर्गा पूजा की शुरुआत मंडई से शुरू हुई थी.फिर इसकी बगल में मां दुर्गा के मंदिर का निर्माण कराया गया. इसके बाद से यहां पर भव्य दूर्गा पूजा पंडाल बनाये जा रहे है. अब मंदिर व पंडाल दोनों श्रद्धालुओं के मुख्य आकर्षण का केंद्र बन चुके हैं.

 

इस बार पंडाल में वृंदावन का प्रारूप बनाया जा रहा है. पंडाल के बाहर श्रीकृष्ण के बचपन के प्रसंग को दर्शाया जायेगा. पंडाल में आप महाभारत के दृश्य भी देख सकेंगे. 65 लाख की लागत से तैयार यह पंडाल 100 फीट ऊंचा, 125 फीट लंबा और 80 फीट चौड़ा है. 

 

पश्चिम बंगाल के 40 कारीगर इसे तीन माह से तैयार कर रहे हैं. हरमू मैदान में दुर्गापूजा पंडाल के साथ मेले का आयोजन भी किया जा रहा है. मेले में मौत का कुआं,  झूले आदि लोगों का मनोरंजन करेंगे.  पूजा समिति के अध्यक्ष मनोज कुमार पांडे, उपाध्यक्ष प्रदीप कुमार, महासचिव राजीव कुमार, कोषाध्यक्ष अनिल सिंह और अमिताभ मुखर्जी समेत 50 सदस्य पूजा को सफल बनाने में जुटे हुए हैं.

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आरआर स्पोर्टिंग क्लब  के पंडाल की लागत   50 लाख  

 

रातू रोड स्थित आरआर स्पोर्टिंग क्लब का पंडाल इस बार वेटिकन सिटी की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है. यह पंडाल 26 या 27 सितंबर को श्रद्धालुओं के लिए खोला जायेगा. इस पूजा पंडाल पर  करीब 50 लाख  रूपये से अधिक खर्च होने की बात सामने आयी है.

 

कोलकाता से आये 30 कारीगर इस पंडाल का निर्माण कर रहे हैं. 80 फीट ऊंचा, 100 फीट लंबा और 60 फीट चौड़ा यह पंडाल फाइबर और थर्मोकोल से सजाया जा रहा है. पंडाल रंगीन फ्लड लाइट से जगमगायेगा.


शिव सेना दुर्गा पूजा समिति  के पंडाल का निर्माण   बांस की चटाई से


  शिव सेना दुर्गा पूजा समिति पिस्कामोड़ में इस बार श्रद्धालुओं को राजस्थानी प्रारूप का नजारा देखने को मिलेगा. यह पंडाल 35 फीट ऊंचा और 100 फीट चौड़ा है. यह पूरी तरह से वाटर प्रूफ रहेगा. पंडाल बांस की चटाई और लकड़ी से  तैयार किया जा रहा है.

 

 
करीब 50 लाख रुपये की लागत से बना यह पंडाल 25 सितम्बर को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा.पंडाल के अंदर शिव परिवार और नटराज के दर्शन होंगे. पंडाल में भगवान शंकर, गणेश जी और नटराज की प्रतिमाएं होंगी.  प्रतिमाएं पलकड़ी के डस्ट से तैयार की जा रही है.
 
 
पंडाल के मध्य भाग में चटाई के झूमर बनाए गए है. यहां बने बांस के सात पुतले, आठ बगुले और छह घोड़े लोगों को खूब लुभाएंगे. पंडाल के सामने बगुले और भीतर घंटियां विशेष आकर्षण का केंद्र रहेंगे.

 

 

कोलकाता के हुगली जिले के बासबेरिया गांव से आये  करीब 14 कारीगर लगातार इस पंडाल को अंतिम रूप देने में जुटे हुए है. कारीगर जयदेव दास ने बताया कि वे पिछले चार वर्षों से यहां पंडाल बनाने का काम करते रहे हैं. 


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