पिछले 10 दिनों से लगातार कही ना कही आ रहा है भूकंप
गौरतलब है कि बीते 10 दिनों में भारत के विभिन्न राज्यों में भूंकंप के झटके महसूस किये गये हैं. लद्दाख में बुधवार 26 फरवरी को शाम 5 बजकर 36 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किये गये. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.5 तक मापी गयी. म्यामार में भी 26 फरवरी को 3.1 तीव्रता का भूकंप आया. वहीं 25 फरवरी को बंगाल की खाड़ी में भूकंप आने से पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओडिशा की भी धरती डोली. झारखंड (रांची) और ओडिशा (भुवनेश्वर के अलावा पुरी, पारादीप, बारीपदा, संबलपुर, अनुगुल, केंद्रापड़ा, जगतसिंहपुर और बालेश्वर) में कम तीव्रता का भूकंप आया. लेकिन कोलकाता में भूकंप के तेज झटके महसूस किये गये. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (एनसीएस) के मुताबिक, मंगलवार सुबह 6:10 बजे बंगाल की खाड़ी में आये भूकंप की तीव्रता 5.1 थी. भूकंप का केंद्र बंगाल की खाड़ी में था और गहराई 91 किलोमीटर थी. इससे एक दिन पहले यानी 24 फऱवरी को दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किये गये थे. 17 फरवरी को भी दिल्ली में सुबह-सुबह 4 तीव्रता का भूकंप आया था. इसका केंद्र दिल्ली-एनसीआर में ही था. इसलिए कम तीव्रता के होने के बाद भी भूकंप का झटका काफी जोरदार था. 23 फरवरी को हिमाचल प्रदेश मंडी में भी भूकंप आने से लोग काफी डर गये. यहां पर भूकंप की तीव्रता 3.7 रही. वहीं 17 फरवरी को बिहार के सिवान में भी भूकंप के झटके महसूस किये गये थे.प्लेट्स के टकराने से भूकंप के झटके होते हैं महसूस
बता दें कि धरती के अंदर 7 प्लेट्स ऐसी होती हैं, जो लगातार घूम रही हैं. ये प्लेट्स जिन जगहों पर ज्यादा टकराती हैं, उसे फॉल्ट लाइन जोन कहा जाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. जब प्रेशर ज्यादा बनने लगता है तो प्लेट्स टूटने लगती है. इनके टूटने के कारण अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है. इसी डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है. भूकंप को नापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल करते हैं, जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल भी कहा जाता है.