डायन-बिसाही के आरोप में वृद्धा को जिंदा जलाने का प्रयास, 5 आरोपी गिरफ्तार
ग्रामीण क्षेत्र के बुजुर्गों की परेशानी बढ़ी
पोटका-11 की जिला परिषद सदस्य प्रतिमा रानी मंडल ने बताया कि जिले में अधिकांश लोग वृद्धा पेंशन के लाभुक हैं. इसमें ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं. अल्प पेंशन राशि से ही उनके खाने-पीने के अलावे दवा आदि का इंतजाम होता है. लेकिन चार माह से पेंशन नहीं मिलने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो गई है. अक्टूबर में छठ और दीपावली सभी की फीकी रही. अधिकारियों ने उम्मीद बंधाई की नवम्बर-दिसंबर में भुगतान कर दिया जाएगा. लेकिन नया वर्ष 2022 आ गया. अभी तक भुगतान की कोई सुगबुगाहट नहीं है. इससे लगता है कि झारखंड का प्रसिद्ध पर्व मकर और टुसू भी फीका ही रहेगा. इसे भी पढ़ें : आदित्यपुर">https://lagatar.in/adityapur-ashish-who-threatened-deputy-mayor-on-social-media-arrested-from-nepal-border/">आदित्यपुर: डिप्टी मेयर को सोशल मीडिया पर धमकी देने वाला आशीष नेपाल सीमा से गिरफ्तार
बैंक, ब्लॉक एवं जिला मुख्यालय का चक्कर लगाने को विवश हैं लाभुक
पूर्व पार्षद करूणामय मंडल ने बताया कि कई लाभुक पेंशन की आस में बैंक जाते हैं. वहां से उन्हें प्रखंड कार्यालय भेज दिया जाता है. प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाने के बाद मायूष लाभुक जिला मुख्यालय का भी चक्कर लगाते हैं. लेकिन सभी जगह से उन्हें निराशा हाथ लगती है. उन्होंने कहा कि पोटका के कई लाभुकों को लेकर वे स्वयं प्रखंड एवं जिला मुख्यालय गई थीं. वहां से आवंटन नहीं होने की बात कहकर लौटा दिया गया. इसे भी पढ़ें : पेंशनर्स">https://lagatar.in/good-news-for-pensioners-deadline-for-submission-of-life-certificate-extended-till-february-28/">पेंशनर्सके लिए खुशखबरी, लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने की डेडलाइन 28 फरवरी तक बढ़ी

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