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फूड पॉइजनिंग से बचने के लिए करें इन चीजों का सेवन

LagatarDesk: खराब और संक्रमित भोजन करने के कारण कई बार लोग फूड पॉइजनिंग के शिकार हो जाते है. इसका मुख्य कारण किसी भी समय पर और विषाक्त भोजन करना है. फूड पॉइजनिंग होने पर दस्त, पेट दर्द, उल्टी आने जैसे कई लक्षण दिखाई देते हैं. कई बार लोगों को यह भी नहीं पता होता कि फूड पॉइजनिंग के दौरान क्या खाना चाहिये. आइये कुछ ऐसे फूड्स के बारे में बात करते हैं. इन्हें आप अपनी डेली डाइट में शामिल कर सकते हैं. ये डाइट पेट को आराम देते हैं और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं. इसे भी पढ़ें: चालक">https://lagatar.in/35-tons-of-rods-sold-after-drivers-murder-arrested-5-including-trailer-owner/10773/">चालक

की हत्या कर बेच दिया 35 टन छड़, ट्रेलर मालिक समेत 5 गिरफ्तार [caption id="attachment_10796" align="aligncenter" width="600"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2020/12/food11.jpg"

alt="" width="600" height="400" /> विषाक्त भोजन और बेवक्त खाना है फूड पॉइजनिंग का मुख्य कारण[/caption]   नारियल पानी- नारियल पानी में कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, फॉस्फेट और सोडियम जैसे मिनरल पाये जाते हैं. यह बॉडी का वॉटर लेवल बनाये रखता है और पेट को हल्का रखने में मदद करता है. [caption id="attachment_10805" align="aligncenter" width="600"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2020/12/paani.jpg"

alt="" width="600" height="400" /> नारियल पानी से उल्टी और दस्त में मिलेगी राहत [/caption] दही- दही एक तरह का एंटीबायोटिक होता है. फूड पॉइजनिंग होने पर इसे डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए. इसमें काला नमक और शक्कर डालकर भी खा सकते हैं. [caption id="attachment_10806" align="aligncenter" width="600"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2020/12/dahi.jpg"

alt="" width="600" height="400" /> दही में प्रोटीन होता है, जो पेट के लिए बहुत फायदेमंद है[/caption] लहसुन- यह कम वसा, कम डाइटरी फाइबर वाला और गैर-मसालेदार होता है. फूड पॉइजनिंग के कारण होने वाली मतली, उल्टी, दस्त, पेट में मरोड़ आदि की समस्या को बढ़ने से रोकता है. मेथी- मेथी के बीज फूड पॉइजनिंग के लक्षण जैसे- सीने में जलन, अपच, पेट दर्द, भूख न लगना और दस्त को कम करते हैं. इसमें प्राकृतिक रूप से पाचक गुण होता है, जो पेट और आंतों को रिलैक्स करने और जल्दी रिकवरी के लिए मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है. तुलसी- तुलसी में रोगाणुरोधी गुण एजेंट स्टैफिलोकोकस ऑरिसस नामक कृमि के विकास को रोकते हैं. तुलसी के पत्ते खाद्य जनित रोगाणुओं के कारण होनेवाले पेट दर्द को कम करने में मदद करते हैं. इसे भी पढ़ें: क्या">https://lagatar.in/do-we-know-the-mathematics-of-agricultural-subsidies/10777/">क्या

कृषि सब्सिडी का गणित जानते हैं हम? [caption id="attachment_10807" align="aligncenter" width="600"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2020/12/tulsi.jpg"

alt="" width="600" height="400" /> तुलसी में रोगाणुरोधी गुण पाये जाते हैं[/caption]

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