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ECI ने महाराष्ट्र चुनाव में धांधली के राहुल के आरोपों का दिया जवाब

NewDelhi : कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में गड़बड़ी किये जाने का आरोप लगाये जाने का चुनाव आयोग ने जवाब दिया है. एएनआई ने इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (ECI) सूत्रों के हवाले से आज मंगलवार को यह जानकारी दी. चुनाव आयोग ने कहा, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 6,40,87,588 मतदाताओं ने सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान केंद्रों पर पहुंचकर वोट डाला.  औसतन प्रति घंटे लगभग 58 लाख वोट डाले गये :   आयोग ने बताया कि औसतन प्रति घंटे लगभग 58 लाख वोट डाले गये. इस औसत ट्रेंड के अनुसार, आखिरी दो घंटों में लगभग 116 लाख लोग वोट डाल सकते थे. ईसीआई ने तर्क दिया कि अंतिम दो घंटों में 65 लाख मतदाताओं द्वारा वोट डालना औसत प्रति घंटे के वोटिंग ट्रेंड से काफी कम है. तो फिर इसमें गड़बड़ी कहां हैं. हुल गांधी ने अमेरिका के बोस्टन में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग की सरकार के साथ मिलीभगत है. भारत की चुनावी प्रणाली में कुछ न कुछ गड़बड़ है. कहा कि सरल शब्दों में कहें तो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में राज्य में वयस्कों की संख्या से ज्यादा लोगों ने वोट डाले. किया. राहुल गांधी ने जोर देकर कहा, निर्वाचन आयोग ने हमें शाम 5:30 बजे तक के मतदान के आंकड़े दिये. लेक्नि शाम 5:30 बजे से 7:30 बजे के बीच 65 लाख मतदाताओं ने वोट डाले. राहुल ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा, इतने समय में इतने अधिक लोगों का मतदान केंद्र तक पहुंच कर वोट डालना असंभव है किसी भी व्यक्ति द्वारा गलत सूचना फैलाना कानून के प्रति अनादर का संकेत :  चुनाव आयोग के सूत्रों ने इस आरोपों पर तेवर तल्ख करते हुए कहा, किसी भी व्यक्ति द्वारा गलत सूचना फैलाना कानून के प्रति अनादर का संकेत है. यह उन हजारों प्रतिनिधियों के लिए भी बदनामी का संकेत है, जो अपनी राजनीतिक पार्टी की ओर से नियुक्त किये जाते हैं. निराशा जताते हुए कहा कि बयान लाखों चुनाव कर्मचारियों का मनोबल तोड़तेवाले होते हैं. आयोग ने कहा कि मतदाताओं के किसी भी प्रतिकूल फैसले के बाद, यह कहना कि चुनाव आयोग से समझौता किया गया है. सरासर गलत और बेतुका है. यह आयोग को बदनाम करने की कोशिश है. चुनाव आयोग ने कहा कि भारत में मतदाता सूची जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के अनुसार तैयार की जाती है. नियमानुसार चुनाव से ठीक पहले या हर साल एक बार वोटिंग लिस्ट में संशोधन किया जाता है. इसके अलावा मतदाता सूची की अंतिम कॉपी सभी राष्ट्रीय/राज्य राजनीतिक दलों को सौंपी जाती है. इसे भी पढ़ें   : पहलगाम">https://lagatar.in/pahalgam-terror-attack-pm-modi-asked-amit-shah-to-visit-jammu-and-kashmir/">पहलगाम

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