LagatarDesk : कोरोना महामारी में लोगों की आर्थिक हालत काफी खराब हो गयी. लोगों की पास कमाई के साधन नहीं है. मध्यम वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग ईएमआई के बोझ तले दबे हैं. कोरोना के कारण करीब डेढ़ साल से लोगों का बिजनेस, नौकरी, व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. कोरोना ने आर्थिक तौर पर लोगों को इस कदर तोड़ा है कि वे गोल्ड लोन (सोना गिरवी रखकर पैसे लेना) लेने के लिए मजबूर हो गये हैं.
जुलाई 2020 से अबतक 90 हजार करोड़ का लिया गया गोल्ड लोन
आपको बता दें कि जुलाई 2020 से लेकर जुलाई 2021 तक इस दौरान 90 हजार करोड़ रुपये के आसपास का गोल्ड लोन लिया गया. आंकड़ों के अनुसार, कोरोना महामारी की दूसरी लहर में पहली के मुकाबले 77 फीसदी अधिक गोल्ड लोन लिया गया. कोरोना काल में पर्सनल लोन का आंकड़ा भी बढ़ा है.जुलाई 2021 तक रीटेल लोन में गोल्ड लोन का बकाया सालाना आधार पर 77.4 फीसदी बढ़ा है. यह जुलाई में 27,223 करोड़ से बढ़कर 62,412 करोड़ रुपये हो गया.
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एसबीआई के गोल्ड लोन में 339 फीसदी की वृद्धि
.देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई में जून 2021 तक गोल्ड लोन में 338.76 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. सूत्रों के अनुसार, एसबीआई की कुल गोल्ड लोन बुक 21,293 करोड़ रुपये थी. सोना गिरवी रखकर लोन पाना लोगों को आसान लगता है. बैंकों ने भी अवसर को देखते हुए उधार देना शुरू कर दिया. क्योंकि इस व्यवसाय में ईएमआई की वसूली का झंझट नहीं होता है.
कोरोना काल में लोगों के सामने आयी वित्तीय संकट
मालूम हो कि भारत में लोग तब तक अपने गहने गिरवी नहीं रखते, जब तक कोई गहरा वित्तीय संकट ना हो. गोल्ड लोन में आयी जबरदस्त तेजी यह दर्शाता है कि कोविड-19 महामारी से लोगों को सामने वित्तीय संकट पैदा हुआ है. आपको बता दें कि कोरोना काल में कई राज्यों में लॉकडाउन लगा दिया गया. जिससे लोगों की नौकरियां चली गयी, सैलरी में कटौती की गयी और चिकित्सा खर्चों में भी वृद्धि हुई.
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रिटेल लोन भी बढ़कर 28.58 लाख करोड़ पहुंचा
आरबीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2021 में रीटेल लोन में 2.88 लाख करोड़ से बढ़कर 28.58 लाख करोड़ हो गया. हालांकि इंडस्ट्री सेक्टर में एक फीसदी और सर्विस सेक्टर में 2.7 फीसदी थी. कुल ऋण बकाया 108.32 लाख करोड़ रुपये में आधा हिस्सा इन दोनों सेगमेंट का है.
क्रेडिट कार्ड बकाया भी 9.8 फीसदी बढ़ा
जुलाई 2020-21 में क्रेडिट कार्ड बकाया भी 9.8 प्रतिशत बढ़कर 1.11 लाख करोड़ रुपये हो गया. जबकि इंडस्ट्री और सर्विस सेक्टर द्वारा क्रेडिट (जमा रकम) की मांग बीते 12 महीनों में कम रही. लेकिन गोल्ड लोन और क्रेडिट कार्ड कारोबार आधारित रीटेल लोन में वृद्धि हुई है. रीटेल या पर्सनल लोन, कुल बैंक लोन का 26 फीसदी है. पिछले 12 महीनों में इसमें 11.2 फीसदी का उछला आया है.
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