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इडी ने ऊर्जा निगम के खाते से 100 करोड़ से अधिक की निकासी के मामले में जांच शुरू की

Ranchi: प्रवर्तन निदेशालय ने (इडी) ने ऊर्जा विकास निगम के खाते से हुई 100 करोड़ रुपये से अधिक की फर्जी निकासी के मामले में इसीआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. अक्तूबर 2024 में इडी के निदेशक राहुल नवीन ने अपनी रांची यात्रा के दौरान इस फर्जी निकासी से संबंधित तथ्य जुटाने का आदेश दिया था, ताकि मामले में इसीआईआर दर्ज कर जांच शुरू की जा सके.

 

सूत्रों के अनुसार इस निकासी में किसी बड़ी साजिश का परिणाम होने का संकेत है. नियमानुसार सरकारी कंपनियों के खाते चेक के सहारे खोले जाते हैं. लेकिन जेटीडीसी के नाम पर फर्जी खाता नकद राशि के सहारे खोली गयी थी. दूसरी महत्वपूर्ण बात यह कि सरकारी कंपनियों के बीच होने वालो करोड़ों के लेन-देन पर एजेंसियों की नजर नहीं होती है और बैंक भी करोड़ों के लेन-देन की सूचना एजेंसियों को नहीं देते हैं. नियमानुसार सामान्य खातों से 10 लाख रुपये से अधिक के लेन-देन की जानकारी बैंकों द्वारा उपलब्ध करायी जाती है. 

 

उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष झारखंड पर्यटन विकास निगम के नाम पर खोले गये फर्जी खाते में ऊर्जा विकास निगम के खाते से पैसा ट्रांसफर होने का मामला पकड़ में आया था. इसमें यह पाया गया था कि ऊर्जा विकास निगम के सेंट्रल बैंक स्थित खाते से पैसों की फर्जी निकासी के लिए झारखंड पर्यटन विकास निगम(जेटीडीसी) के नाम पर केनरा बैंक में एक खाता खोला गया था. 

जेटीडीसी के नाम पर खोले गये खाते में निगम के फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल किया गया था. पहली बार जेटीडीसी के फर्जी खाते में 10.44 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने का मामला प्रकाश में आया. जांच में पाय गया कि सरकारी कंपनी के नाम पर खोले गये इस फर्जी खाते की जांच के दौरान इस बात की जानकारी मिली कि ऊर्जा निगम के जिस खाते से पैसा ट्रांसफर किया जा रहा है, उस खाते में ऊर्जा निगम के कर्मचारियों के पेंशन फंड का पैसा है. 

 

प्रारंभिक जांच के बाद इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. इसके बाद मामले की विस्तृत जांच के लिए एसआइटी का गठन किया गया था. एसआइटी द्वारा की गयी जांच के आधार पर इसे साईबर फ्रॉड का मामला करार दिया गया. जांच के दौरान विभिन्न खातों में ट्रांसफर किया गये करीब 35 करोड़ रुपये फ्रीज कर लिया गया था.