New Delhi : प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को बताया कि भारतीय रेल की नौकरियों के बदले जमीन घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद के परिवार के खिलाफ छापों में एक करोड़ रुपये की अघोषित नगदी जब्त की है. साथ ही अपराध के माध्यम से प्राप्त 600 करोड़ रुपये की संपत्ति का भी पता चला है. केन्द्रीय एजेंसी ने कहा कि लालू प्रसाद के परिवार और उनके सहयोगियों के लिए रियल एस्टेट और अन्य क्षेत्रों में किए गए निवेशों का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है. ईडी ने शुक्रवार को लालू प्रसाद के पुत्र व बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के दिल्ली स्थित परिसर सहित परिवार के सदस्यों के विभिन्न परिसरों पर छापा मारा था. सीबीआई ने हाल ही में इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री पति-पत्नी लालू प्रसाद और राबड़ी देवी से पूछताछ की थी.
आरोप है कि संप्रग सरकार में 2004 से 2009 में लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते हुए, भारतीय रेल में नौकरी के बदले लोगों ने यादव परिवार और उनके सहयोगियों को भूखंड उपहार में दिए हैं या फिर उन्हें जमीनें सस्ते दाम पर बेचा है. ईडी ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि छापों में अघोषित एक करोड़ रुपये नगद, 1900 अमेरिकी डॉलर सहित विदेशी मुद्रा, सोने के 540 सिक्के, सोने के करीब 1.5 किलोग्राम गहने (जिनकी कीमत 1.25 करोड़ रुपये आंकी गई है) मिले. छापों के दौरान अभी तक अपराध के माध्यम से अर्जित करीब 600 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता चला है, जो 350 करोड़ रुपये की अचल और 250 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति के रूप में है. विशेष रूप से तेजस्वी यादव का नाम लेते हुए ईडी ने कहा कि दक्षिण दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में बना डी-1088 एक चार मंजिला बंगला है, जो एबी एक्सपोर्टस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से है. इस मामले में कंपनी को लाभार्थी फर्म कहा गया है. इस कंपनी के मालिक तेजस्वी यादव और उनके परिवार के लोग हैं और वही इसे चलाते हैं. ऐसा दिखाया गया है कि इस मकान को महज चार लाख रुपये में खरीदा गया है, जबकि इसकी बाजार में मौजूदा कीमत करीब 150 करोड़ रुपये है.
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