LagatarDesk : हरियाणा के शिकोहपुर लैंड डील से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा को समन जारी किया है. एजेंसी का रॉबर्ट वाड्रा को यह दूसरा समन है. इससे पहले आठ अप्रैल को ईडी ने बिजनेसमैन को समन जारी किया था. हालांकि वह ईडी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए थे. रॉबर्ट वाड्रा आज पूछताछ के लिए ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के दफ्तर पहुंचे।.मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे समझ नहीं आता कि मुझ पर आरोप क्या हैं. यह सब राजनीति से प्रेरित बदला है. सिर्फ पुराने आरोप दोहराए जा रहे हैं, जो बेबुनियाद हैं. सरकारी एजेंसियों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. https://twitter.com/PTI_News/status/1912012420136243519
दरअसल साल 2008 में जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा के मुख्यमंत्री थे, उस वक्त रकार ने रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी प्राइवेट लिमिटेड को गुरुग्राम की 2.70 एकड़ जमीन को कमर्शियल कॉलोनी के रूप में विकसित करने की अनुमति देते हुए लाइसेंस जारी किया था. आरोप है कि कॉलोनी विकसित करने के बजाय, वाड्रा की कंपनी ने इस जमीन को 18 सितंबर 2012 में 58 करोड़ रुपये में डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड को बेच दिया. कहा जा रहा है कि यह जमीन हरियाणा सरकार से कम कीमत पर हासिल की गयी थी और उसे बेचकर वाड्रा की कंपनी ने भारी मुनाफा कमाया. रिकॉर्ड्स के मुताबिक, रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी और डीएलएफ के बीच 18 सितंबर 2012 में यह डील हुई थी, लेकिन हरियाणा सरकार के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने उस समय लाइसेंस ट्रांसफर की अंतिम अनुमति नहीं दी थी. अब इस पूरी लेन-देन और लाइसेंस प्रक्रिया को लेकर रॉबर्ट वाड्रा की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इसी मामले में उनसे पूछताछ कर रही है.

रॉबर्ट वाड्रा को ED का दूसरा समन, पूछताछ के लिए पहुंचे ऑफिस, कहा- यह राजनीति से प्रेरित बदला है
