में देरी पर हाईकोर्ट ने भवन निर्माण सचिव को झालसा फंड में 1000 रुपये जमा करने का दिया आदेश
निरंजन कुमार समेत तीन पर एसीबी ने दर्ज किया था मामला
सरकारी नियमों को ताक पर रखकर नौकरी करने और सरकारी खातों से 170 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का भुगतान करने सहित कई गंभीर मामलों में फंसे जरेडा के पूर्व निदेशक निरंजन कुमार समेत तीन अधिकारियों पर बीते 21 दिसंबर 2020 को एसीबी में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. गौरतलब है कि सीएम हेमंत सोरेन ने बीते 23 अक्टूबर 2020 को एसीबी की पीई रिपोर्ट, विभाग के मंतव्य की समीक्षा के बाद प्रस्ताव को स्वीकृति दी थी. तीनों पदाधिकारियों पर पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार करने के आरोपों की पीई में पुष्टि हो गई थी. जिनपर प्राथमिकी दर्ज करने की स्वीकृति मिली थी, उनमें निरंजन कुमार के अलावा तत्कालीन परियोजना निदेशक अरविद कुमार बलदेव प्रसाद और जरेडा में प्रतिनियुक्त रहे विद्युत कार्यपालक अभियंता श्रीराम सिंह शामिल थे.क्या है पूरा मामला
निरंजन कुमार ने सरकार के अलग अलग खातों से लगभग 170 करोड़ रुपये का भुगतान किया. इन पर पूरे परिवार विदेश भ्रमण करने, अपनी संपत्ति विवरण में अपनी पत्नी के नाम से अर्जित संपत्ति का कोई विवरण नहीं देने, निविदा में मनमानी तरीके से किसी कंपनी विशेष को फायदा पहुंचाने तथा विभिन्न निविदा में बगैर बोर्ड की सहमति की निविदा की शर्तें बदलने का आरोप है. भारतीय डाक-तार लेखा एवं वित्त सेवा के वरीय पदाधिकारी निरंजन कुमार पर आरोप है कि वे बिना अर्हता पूरी किए पुराने परिचय का दुरुपयोग कर जरेडा के निदेशक पद पर बने रहे. 27 जनवरी 2019 को प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त हो जाने के बाद इनकी प्रतिनियुक्ति अवधि का विस्तार केंद्र या कार्मिक विभाग ने नहीं किया. ये पद पर बने रहे और वेतन भी उठाते रहे. इसे भी पढ़ें : अनुराग">https://lagatar.in/hcs-instruction-in-anurag-gupta-case-if-the-fsl-of-the-audio-is-to-be-investigated-then-apply-the-io-to-the-court-within-the-time-limit/26990/">अनुरागगुप्ता केस में HC का निर्देश: ऑडियो की FSL जांच करानी हो तो समय सीमा के अंदर कोर्ट में आवेदन दें IO