LagatarDesk : दिग्गज चीनी मोबाइल कंपनी शाओमी इंडिया सहित तीन विदेशी बैंकों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिकंजा कस लिया है. 5,551 करोड़ के कथित विदेशी मुद्रा कानून उल्लंघन मामले में जांच एजेंसी ने शाओमी , कंपनी के सीएफओ और डायरेक्टर समीर बी राव, पूर्व एमडी मनु कुमार जैन, सीआईटीआई बैंक, एचएसबीसी बैंक और ड्यूश बैंक एजी को कारण बताओ नोटिस भेजा है. सभी पर फेमा (फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट) के तहत कार्रवाई की गयी है. ईडी ने फेमा के तहत जांच पूरी होने के बाद सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. अगर कंपनियां सही कारण नहीं बता पायी तो उन्हें नियमों के अनुसार जुर्माना भरना पड़ेगा. (पढ़ें, गुड़ाबांदा : चाकुलिया से डुंगरीडीह पहुंचा 27 हाथियों का झुंड, दहशत में ग्रामीण)
शाओमी इंडिया ने रॉयल्टी के नाम पर पैरेंट कंपनी को पैसा भेजा
शाओमी इंडिया ने साल 2014 से भारत में काम करना शुरू किया था. यह चीन की प्रमुख स्मार्टफोन कंपनी शाओमी के पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनी है. ED ने अपनी जांच में पाया था कि शाओमी इंडिया ने साल 2015 से अपनी पैरेंट कंपनी को पैसे भेजना शुरू किया. कंपनी ने विदेशी कंपनियों को कुल 5,551.27 करोड़ रुपये भेजे. वहीं सीआईटीआई बैंक, एचएसबीसी बैंक और ड्यूश बैंक एजी बैंक ने उचित जांच किये बिना ही कंपनी के साथ समझौता कर लिया.
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पिछले साल फेमा के तहत ईडी ने जब्त किये थे पैसे
ईडी ने पिछले साल फेमा के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करते हुए शाओमी इंडिया के खातों में जमा करीब 5,551.27 करोड़ रुपये जब्त किये थे. यह कार्रवाई गैरकानूनी तरीके से रॉयल्टी के नाम पर विदेशों में पैसा भेजने के लिए की गयी थी. शाओमी इंडिया ने ईडी की इस कार्रवाई को कर्नाटक हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. लेकिन हाईकोर्ट ने इस याचिका को रद्द कर दिया था.
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