Ranchi : जेवियर समाज सेवा संस्थान (एक्सआईएसएस) में शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि शिक्षा व्यक्ति के सशक्तीकरण का सशक्त साधन है. इसलिए हर लडकी को उचित शिक्षा मिलनी चाहिए. एक लड़का शिक्षा प्राप्त करता है, तो वह अकेला शिक्षित होता है, लेकिन अगर किसी परिवार में एक लड़की शिक्षा ग्रहण करती है, तो पूरे परिवार को शिक्षित करती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा महिला सशक्तीकरण की दिशा में लैंगिक भेदभाव के दूर करने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना महत्वपूर्ण है. महिला समूहों ने लैंगिक समानता व महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. स्वयं सहायता समूह भी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. राज्यपाल एक्सआईएसएस, सी3 सक्षमा और इंडियन एसोसिएशन फॉर वुमन स्टडीज (आईएडब्ल्यूएस) के दो दिवसीय कांफ्रेंसमें बोल रहे थे. ल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा प्रायोजित इकोनॉमिक एंपावरमेंट ऑफ वूमेन इन ईस्ट इंडिया एंड द रोल ऑफ वूमेंस कलेक्टिव्स कार्यक्रम में झारखंड, बिहार, छतीसगढ़ और ओडिशा के समाजिक कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं.
महिलाएं प्रगति के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं
राज्यपाल ने कहा कि कई ऐसी महिलाओं ने अलग अलग क्षेत्रों में कीर्तिमान स्थापित किया है. आज हमारे देश की महिलाएं प्रगति के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. अपने योगदान से देश-विदेश में नाम रौशन कर रही हैं. उन्होंने कहा कि हमारी प्राचीन सभ्यता-संस्कृति में भी महिलाओं का बहुत आदर व सम्मान था. महिलाएं हमेशा हमारे सामाजिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक और विकास की रीढ़ रही हैं. सभी प्रकार के विकास के लिए महिला और पुरुष दोनों का सशक्त होना बहुत आवश्यक है. कहा कि वर्तमान में देश की राष्ट्रपति पद को द्रौपदी मुर्मू सुशोभित कर रही हैं, जो झारखंड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं और यहां के लोगों के हृदय में हैं.
संकट को संभावनाओं और सपनों को हकीकत में बदलना :निदेशक
एक्सआईएसएस के निदेशक डॉ. जोसफ मरियानुस कुजूर एसजे ने कहा कि संस्थान महिला सशक्तीकरण की आवश्यकता की पहचान करता है. हमने अपने विजन और मिशन स्टेटमेंट में भी यह दर्शाया है. इस कांफ्रेंस के साथ हमारा उद्देश्य नीति निर्माताओं के बीच एक संवाद शुरू करना है. एक्सआईएसएस ने महिला सशक्तीकरण के मुद्दे को एक अभियान के रूप में लेने के लिए यह पहल की है. असली महिला सशक्तीकरण, संकट को संभावनाओं और सपनों को हकीकत में बदलना है.
अमेरिका भी महिलाओं को समान अधिकार देने में पीछे : वॉक्स

वहीं अमेरिका से आए मैथ्यू कॉब के संस्थापक वॉक्स बैक टू कलेक्टिव्स ने कहा कि यूएसए एक पूंजीवादी देश होने के नाते अभी भी महिलाओं और पुरुषों के लिए समान अधिकार देने में पीछे है. उन्होंने महिलाओं के महत्व के बारे में कहा कि महिलाओं को केवल मातृत्व का ताज नहीं पहनाना चाहिए, बल्कि परिवार में भी उनकी बराबरी की भूमिका होनी चाहिए. महिलाओं की प्रगति की बहुत संभावनाएं हैं. इसके लिए हमें आगे बढ़ कर काम करने कि जरूरत है.
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