: दो बाइक की टक्कर में एक गंभीर रूप से घायल
शरीर का 50 प्रतिशत भाग काम करना हुआ बंद
टोकलो गांव स्थिति सुमित्रा कुम्हार पिछले आठ साल से इलाज के इंतजार में थी, लेकिन अब उसे आश जगी है. मालूम हो की सुमित्रा कुम्हार आठ साल तक पुरी तरह से सामान्य बच्ची की तरह जीवन यापन कर रही थी. इसके बाद धीरे-धीरे पूरा शरीर कमजोर हो गया. उसके बाद एक दिन उसे लकवा मार गया और कमर से नीचे शरीर सुन्न हो गया.नि:शुल्क चिकित्सा शिविर में मिली जानकारी
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में शुभम संदेश व सूर्या नर्सिंग होम के तत्वावधान में आयोजित नि:शुल्क चिकित्सा शिविर में टोकलो गांव के चेतन कुम्हार अपनी 15 वर्षीय बच्ची को इलाज के लिए लेकर पहुंचे थे. वहां डॉक्टरों ने जांच कर ठीक होने की संभवना जाहिर की. मामले को गंभीरता से लेते हुये शुभम संदेश की टीम उसके घर पहुंची और उससे सम्बंधित खबर को छापा. आर्थिक स्थिति से कमजोर चेतन कुम्हार अपनी बेटी का इलाज कराने में असमर्थ थे, जिस कारण उन्होंने सरकारी तंत्र से इलाज कराने की गुहार लगाईं थी. इसे भी पढ़ें : नोवामुंडी">https://lagatar.in/noamundi-team-arrived-to-investigate-the-complaint-of-irregularity-in-every-household-tap-scheme/">नोवामुंडी: हर घर नल योजना में अनियमता की शिकायत पर जांच करने पहुंची टीम
पश्चिम सिंहभूम के डालसा से भी मिलेगा सहयोग
इधर, जब पश्चिम सिंहभूम डालसा के सचिव सह न्यायाधीश राजीव कुमार सिंह को इस मामले की जानकारी मिली तो उन्होंने मामले को गंभीरता से लिया. उन्होंने कहा कि रिम्स में इसका इलाज संभव है. सरकारी तंत्र से इलाज किया जाएगा. यादि झारखंड में इलाज नहीं होता है तो बच्ची को बाहर भेजा जायेगा.शुभम संदेश की पहल सराहनीय : उपायुक्त
उपायुक्त अनन्य मित्तल ने लगातार न्यूज व दैनिक अखबार शुभम संदेश में प्रकाशित खबर पर विश्वास जताया और कहा कि जिस तरह से नक्सल प्रभावित क्षेत्र में जाकर शिविर लगाया गया था व एक सराहनीय कदम है. हर अखबार को समाजिक दायित्व के तहत इस तरह का आयोजन दूर दराज क्षेत्र में करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि बच्ची का इलाज सरकारी तंत्र से होगा. इसे लेकर सिविल सर्जन को आदेश दिया गया है. दो दिनों के अंदर रिपोर्ट तैयार हो जायेगी. मंगलवार को बच्ची के घर स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची थी. इसे भी पढ़ें : चाईबासा">https://lagatar.in/chaibasa-disability-certificate-and-udid-made-available-to-eligible-pwds/">चाईबासा: पात्रता धारक दिव्यांगों को उपलब्ध कराया गया दिव्यांगता प्रमाण पत्र व यूडीआईडी
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