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30 प्रतिशत से भी कम बच्चे उठा पा रहे हैं ऑनलाइन क्लास का लाभ
कोरोना के तीसरी लहर के साथ स्कूल का संचालन बंद हो गया. कोरोना की रफ्तार को रोकने के लिए सरकार द्वारा लगाया गया प्रतिबंध के बीच बच्चे पठन-पाठन से वंचित न हों, इसके लिए ऑनलाइन क्लास का विकल्प अपनाया गया. फिलहाल अत्यधिक स्कूल व ट्यूशन संस्थान विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा देने में लगे हैं. लेकिन 30 फीसदी से भी कम बच्चे ऑनलाइन क्लास का लाभ उठा पा रहे हैं. इसके पीछे कई कारण हैं. इस मामले को लेकर बच्चे और अभिभावक कई खामियां गिनाते हैं.घर में स्मार्ट फोन या कंप्यूटर सिस्टम का अभाव
कई घरों में स्मार्ट फ़ोन और कंप्यूटर की कमी समस्या बनी हुई है. घर में अगर एक फ़ोन है भी तो उसका इस्तेमाल माता- पिता रोजी रोटी चलाने के लिए कर रहे हैं. ऐसे में बच्चे शिक्षा ग्रहण करने में असमर्थ हो रहे हैं. इसे भी पढ़ें – पथ">https://lagatar.in/the-posts-of-228-assistant-engineers-are-vacant-in-the-road-construction-department-for-two-years/">पथनिर्माण विभाग में दो वर्ष से खाली हैं 228 सहायक अभियंताओं के पद
हर बच्चों के लिए अलग-अलग गैजेट खरीदना नहीं है आसान
हर घर मे पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या अलग अलग है. बहरहाल आज के दौर में माध्यम परिवार के लोगों के लिए स्मार्ट फ़ोन खरीदना आसान काम नहीं है. अभिभावकों की मानें तो एक स्मार्ट फ़ोन खरीदने में डेढ़ दो माह का जमा पूंजी खत्म हो सकता है. ऐसे में हर विद्यार्थियों के लिए स्मार्ट फ़ोन का व्यवस्था करना असंभव है. किसी के घर में एक फ़ोन है भी तो पढ़ने वालों का संख्यां ज्यादा है. स्कूल प्रबंधन द्वारा एक ही समय में सभी कक्षाओं को संचालित किया जाता है. इस स्थिति में सभी बच्चे ऑनलाइन कक्षा में नहीं जुड़ पाते हैं.कमजोर नेटवर्क बन रही परेशानी
ऑनलाइन क्लास के लिए कमजोर नेटवर्क की समस्या उभर कर सामने आ रहा है. बच्चों औऱ अभिभावकों का कहना है वह जिस सिम का इस्तेमाल करते हैं. उसका नेटवर्क अक्सर कमज़ोर हो जाता है. या ऐसे कई जगह नेटवर्क काम ही नहीं करते. छत का सहारा लिये बिना बेहतर नेटवर्क मिलना असंभव है. पढ़ाई के दौरान नेट का स्पीड स्लो होने से टेक्निकल समस्या उत्पन्न हो जाता है. ठंड के कारण बेहतर नेटवर्क के बीच छत पर बच्चे पढ़ाई कर नहीं सकते.तकनीकी ज्ञान का अभाव
कई बच्चों में तकनीकी ज्ञान का अभाव है. खासकर जूनियर क्लास के बच्चे मोबाइल या कंप्यूटर से तकनीकी तौर पर ज्यादा फ़्रेंडली नहीं होते. जिस वजह से उन्हें ऑनलाइन क्लास जॉइन के लिए प्रोसेस फॉलो करने में दिक्कत आता है. क्लास ग्रुप में शेयर लिंक को कैसे ओपन करें , फिर क्या क्या स्टेप्स फोलोव करें उन्हें जानकारी में नहीं होता है. उन्हें ऑडियो और वीडियो जारी रखने में भी कठिनाई होती है. जबतक बच्चे टेक्निकल फॉल्ट को समझे तब तक क्लास का समय बीत जाता है. इसके मोबाइल चार्जिंग की समस्या, मोबाइल हैंग होना आम बात है.क्या कहते हैं अभिभावक
ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाले एक बच्चे के अभिभावक ने फोटो नहीं छापने की शर्त पर बताया कि ऑनलाइन कक्षा से बच्चों को कुछ भी नॉलेज नहीं मिल रहा है और ना ही इससे उनका भविष्य उज्जवल होने वाला है. ऑनलाइन कक्षाएं सिर्फ स्कूल के लाभ के लिए रह गई है. इससे भारी-भरकम डाटा खर्च हो रहे हैं. जिसकी भरपाई अभिभावकों को करनी पड़ रही है. चुटिया एसएम पब्लिक स्कूल के अभिभावक अरविंद कुमार ने बताया कि फोटो के साथ खबर छपने पर सीधे स्कूल प्रशासन अभिभावक पर कार्रवाई करता है और गाज बच्चे पर गिरता है ऑनलाइन कक्षाएं बंद होनी चाहिए और कक्षाएं शुरू होनी चाहिए. इसे भी पढ़ें – भारत-बायोटेक">https://lagatar.in/trial-approval-for-bharat-biotechs-nasal-vaccine-omicron-will-help-in-rescue/">भारत-बायोटेककी नेजल वैक्सीन को मिली ट्रायल की मंजूरी, ओमिक्रॉन से बचाव में मिलेगी मदद [wpse_comments_template]

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