Ranchi: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने अक्टूबर 2023 में झारखंड सरकार के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी दो टेंडरों—एकलव्य प्रशिक्षण योजना और मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना—की स्थिति पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ने वर्ष 2023 में इन दोनों योजनाओं की घोषणा की थी, जिनका उद्देश्य झारखंड के 35,000 छात्रों को लाभ पहुंचाना था.इन योजनाओं के तहत छात्रों के लिए यूपीएससी, जेपीएससी, बैंक पीओ, मेडिकल, इंजीनियरिंग, एसएससी, होटल मैनेजमेंट, मास कम्युनिकेशन, रेलवे बोर्ड, आदि जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुफ्त कोचिंग की व्यवस्था की गई थी. इसके अलावा, छात्रों को हर महीने 2500 रुपये की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान भी था.
350 करोड़ का था बजट
अजय साह ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इन दोनों योजनाओं के लिए लगभग 350 करोड़ रुपये का बजट डेढ़ साल पहले ही स्वीकृत किया गया था. लेकिन हैरानी की बात यह है कि आज तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई. उन्होंने सरकार से सवाल किया कि बिना किसी स्पष्ट कारण के इतनी महत्वपूर्ण योजना को रोककर झारखंड के हजारों छात्रों के भविष्य को अंधकार में क्यों धकेला गया?
आखिर फंड कहां डायवर्ट हुआ?
उन्होंने पूछा कि यदि इन योजनाओं के लिए बजट स्वीकृत हो चुका था, तो क्या छात्रों के लिए निर्धारित फंड किसी अन्य योजना में डायवर्ट कर दिया गया? उन्होंने सरकार से यह भी स्पष्ट करने को कहा कि क्या ये योजनाएं पूरी तरह बंद कर दी गई हैं, या आगामी बजट में इन्हें पुनः शुरू किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि आमतौर पर छात्र हर वर्ष अप्रैल में नए सत्र के साथ कोचिंग शुरू करते हैं. यदि सरकार ने मार्च तक इन योजनाओं को लागू नहीं किया, तो ये योजनाएँ केवल कागज़ों तक ही सीमित रह जाएंगी और धरातल पर कभी उतरी नहीं पाएंगी.