New Delhi: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे घोषित किए जाने के बाद मंगलवार को कांग्रेस ने इसे सिरे से नकार दिया था. राज्य में अपनी हार के बाद कांग्रेस का कहना था कि वे विधानसभा चुनाव के नतीजों को स्वीकार नहीं करेगी. अब कांग्रेस के इस बयान पर चुनाव आयोग ने कड़ा रुख अपनाते हुए बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को चिट्ठी लिखी है. अपनी चिट्ठी में चुनाव आयोग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों को अस्वीकार करने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बयानों को बोलने की आजादी का दुरूपयोग बताया. आयोग ने कहा कि इस तरह के बयान देश के समृद्ध लोकतांत्रिक इतिहास में पहले नहीं सुने गए और ये बोलनेकी स्वतंत्रता से भी परे हैं. हालांकि आयोग ने साथ ही चुनाव परिणामों की समीक्षा के लिए पार्टी प्रतिनिधिमंडल से मिलने पर सहमति भी जताई है.
चुनाव आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष खरगे को लिखा, इस बीच, आयोग ने आपके और विपक्ष के नेता के बयानों पर गौर किया है, जिसमें हरियाणा के परिणामों को अप्रत्याशित बताया गया है और कांग्रेस इसका विश्लेषण करने और अपनी शिकायतों के साथ चुनाव आयोग से संपर्क करने का प्रस्ताव रखती है. खरगे को लिखे पत्र में आयोग ने कहा कि पार्टी नेताओं जयराम रमेश और पवन खेड़ा की ऐसी टिप्पणियां वैधानिक और नियामक चुनावी ढांचे के अनुसार व्यक्त की गई लोगों की इच्छा को अलोकतांत्रिक तरीके से खारिज करने की ओर ले जाती हैं.
चुनाव आयोग ने इस चिट्ठी में क्या कहा
चुनाव आयोग ने चिट्ठी में कहा, यह मानते हुए कि पार्टी अध्यक्ष का बयान चुनावी नतीजों पर पार्टी की औपचारिक स्थिति है, चुनाव आयोग ने बुधवार शाम छह बजे प्रतिनिधिमंडल से मिलने पर सहमति जताई है. चुनाव आयोग ने वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के हरियाणा के नतीजे अस्वीकार्य वाले बयान को देश की समृद्ध लोकतांत्रिक विरासत में अनसुना करार दिया और कहा कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का वैध हिस्सा नहीं है. आयोग ने कहा कि पार्टी नेताओं की ऐसी टिप्पणियां वैधानिक और नियामक चुनावी ढांचे के अनुरूप लोगों की इच्छा को अलोकतांत्रिक तरीके से अस्वीकार करने के समान हैं.
आयोग ने कहा कि उसने खरगे और राहुल गांधी के बयानों पर भी गौर किया है, जिसमें हरियाणा के नतीजों को अप्रत्याशित बताया गया है और पार्टी इसका विश्लेषण करने और अपनी शिकायतों के साथ चुनाव आयोग से संपर्क करने का प्रस्ताव रखती है. चुनाव आयोग ने कहा कि उसे कांग्रेस के 12 सदस्यीय आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के लिए बैठक का समय मांगने का अनुरोध मिला है, जिसमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने परिणामों को अस्वीकार्य बयान दिया था.
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