Ranchi : देश में स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने की दिशा में भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने बीते 6 महीनों में 28 नई पहलें की हैं.
इन प्रयासों का उद्देश्य न केवल चुनाव प्रक्रिया को आसान और तकनीक-संपन्न बनाना है, बल्कि मतदाताओं का भरोसा भी और मजबूत करना है.
आयोग ने मतदाता सूची अपडेट से लेकर बूथ स्तर तक तकनीकी सुधार, राजनीतिक दलों से संवाद और प्रशिक्षण जैसे कई अहम कदम उठाए हैं.
राजनीतिक दलों से बातचीत
देशभर में 4,700 से ज्यादा सर्वदलीय बैठकें हुईं, जिनमें लगभग 28,000 दलों के नेताओं ने लिया भाग
राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों के बड़े नेताओं के साथ 20 बैठकें
चुनाव व्यवस्था को मजबूत करना
476 गैर-मान्यता प्राप्त दलों में से 334 को हटाया गया.
सभी 28 हितधारकों की जिम्मेदारियां सुनिश्चित की गईं.
हर बूथ लेवल अधिकारी (BLO) को अधिकारिक पहचान पत्र दिया गया.
नतीजों के बाद 5% EVM मशीनों की जांच होगी.
कानूनी विशेषज्ञों और मुख्य चुनाव अधिकारियों की राष्ट्रीय बैठक हुई.
विदेशों के चुनाव निकायों से भी अनुभव साझा किए.
तकनीक से सशक्त बना चुनाव तंत्र
ECINET नामक नया डिजिटल पोर्टल बनाया गया, जिसमें 40 से ज्यादा ऐप/वेबसाइट जोड़े गए.
सभी मतदान केंद्रों पर लाइव वेबकास्टिंग की व्यवस्था.
मतदान के दिन हर 2 घंटे में मतदान प्रतिशत का अपडेट.
चुनाव से जुड़े सारा डेटा और रिपोर्ट अब डिजिटल रूप में उपलब्ध होगी.
अगर EVM और रिकॉर्ड में फर्क होगा तो VVPAT पर्चियों की गिनती अनिवार्य होगी.
मतदाता सूची में सुधार व अपडेट
बिहार और कई जगहों पर विशेष अभियान चलाकर मतदाता सूची सुधारी गई.
20 साल बाद उपचुनावों से पहले मतदाता सूची का संशोधन किया गया.
मृत्यु पंजीकरण से डेटा जोड़कर मृत मतदाताओं के नाम हटाए गए.
हर मतदाता को अब यूनिक EPIC नंबर मिलेगा.
नया EPIC कार्ड सिर्फ 15 दिन में SMS सूचना के साथ मिलेगा.
मतदान प्रक्रिया को आसान और प्रभावी बनाया
मतदान केंद्रों के बाहर मोबाइल रखने की सुविधा मिलेगी.
एक बूथ पर अब अधिकतम 1,200 मतदाता ही होंगे.
मतदाता पर्ची (VIS) अब और स्पष्ट व पढ़ने में आसान होगी.
उम्मीदवार अब 100 मीटर की दूरी पर ही बूथ लगा सकेंगे.
प्रशिक्षण और प्रशासनिक सुधार
7,000 से ज़्यादा BLO और सुपरवाइजर को प्रशिक्षण दिया गया.
BLO का मानदेय दोगुना किया गया और ERO/AERO को पहली बार भुगतान मिला.
बूथ लेवल एजेंट (BLA), मीडिया अधिकारी और पुलिस अधिकारियों को भी प्रशिक्षण दिया गया.
आयोग ने अपने दफ्तरों में भी सुधार किए. जैसे बायोमेट्रिक हाजिरी, ई-ऑफिस और नई सुविधाएं.
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