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देश के इतिहास में पहली बार लोकसभा स्पीकर पद के लिए चुनाव,  राजग उम्मीदवार बिरला के सामने विपक्षी सांसद के सुरेश

 NewDelhi :  देश के इतिहास में पहली बार स्पीकर पद के लिए चुनाव होने जा रहा है. राजग की ओर से जहां ओम बिरला स्पीकर प्रत्याशी होंगे, वहीं INDIA  अलायंस की तरफ से के सुरेश को उम्मीदवार बनाया गया है. खबरों के अनुसार दोनों नेता अपना नामांकन दाखिल कर चुके हैं.                ">https://lagatar.in/category/desh-videsh/">

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के सी वेणुगोपाल ने कहा, विपक्ष लोकसभा अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेगा

अब कल बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष के लिए चुनाव होगा. राजस्थान में कोटा संसदीय सीट से एक बार फिर निर्वाचित हुए बिरला पिछले 20 वर्ष में निचले सदन में फिर से निर्वाचित होने वाले पहले पीठासीन अधिकारी  हो सकते है. इससे पहले  कांग्रेस नेता के सी वेणुगोपाल और द्रमुक नेता टीआर बालू लोकसभा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के लिए चर्चा के लिए राजनाथ सिंह से मिलने गये. बात नहीं बनने पर वे उनके कार्यालय से बाहर आ गये.

कांग्रेस ने राजग उम्मीदवार का समर्थन करने से इनकार कर दिया

उन्होंने राजग उम्मीदवार का समर्थन करने से इनकार कर दिया. साथ ही के सी वेणुगोपाल ने कहा कि विपक्ष लोकसभा अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेगा.  उन्होंने सरकार पर विपक्ष को उपाध्यक्ष पद देने के लिए प्रतिबद्धता नहीं जताने का आरोप लगाया.     उधर राजस्थान के कोटा से भाजपा के सांसद ओम बिरला दोबारा राजग की ओर से लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार चुने गये.  उसके बाद वे प्रधानमंत्री मोदी से मिले. लोकसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिये जाने की मांग के बीच राहुल गांधी ने कहा कि अब तक सरकार की ओर से इस विषय पर कोई जवाब नहीं आया है.

वे दबाव की राजनीति करना चाहते हैं, लोकतंत्र में ऐसा नहीं होता :  ललन सिंह

केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन (ललन सिंह)  ने  संवाददाताओं से कहा कि बिरला का नाम राजग के सभी दलों ने सर्वसम्मति से तय किया  है. केसी वेणुगोपाल और टीआर बालू लोकसभा स्पीकर के मुद्दे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से चर्चा करने पहुंचे थे. रक्षा मंत्री ने उन्हें स्पीकर पद के लिए एनडीए उम्मीदवार के बारे में बताया और समर्थन मांगा. केसी वेणुगोपाल ने कहा कि आप अभी डिप्टी स्पीकर का पद देना स्वीकार करें.

पीयूष गोयल ने कहा कि सर्वसम्मत उम्मीदवार होना बेहतर होता

रक्षा मंत्री ने उनसे कहा कि हम साथ बैठेंगे, चर्चा करेंगे और डिप्टी स्पीकर का नाम तय करेंगे. हालाँकि, वे अपनी शर्त पर अड़े रहे. वे लोकतंत्र को शर्तों के आधार पर चलाना चाहते हैं, दबाव की राजनीति करना चाहते हैं, लोकतंत्र में ऐसा नहीं होता.    केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सर्वसम्मत उम्मीदवार होना बेहतर होता. उन्होंने शर्तें रखने के लिए विपक्ष की आलोचना भी की,  उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को शर्तों पर नहीं चलाया जा सकता. कहा कि स्पीकर  किसी पार्टी का नहीं होता, पूरे सदन का होता है.
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