राजधानी रांची को छोड़ अन्य जिलों में जरूरत के अनुसार नहीं मिल रही बिजली
गर्मी व उमस से लोग परेशान हैं. ऐसे वक्त में बिजली की पावर कट लोगों की परेशानी को और बढ़ा रहा है. पावर कट को लेकर हमने रांची, पलामू, गढ़वा, लातेहार, रामगढ़ व हजारीबाग की स्थिति को जानने की कोशिश की. पता चला कि पिछले सालों के मुकाबले इस साल बिजली की स्थिति बेहतर तो है, लेकिन अलग-अलग कारणों से होने वाली पावर कट की वजह से लोग परेशान हैं. रांची छोड़ अन्य जिलों में जरुरत के मुताबिक बिजली नहीं उपलब्ध हो पा रही है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट…
राजधानी में बिजली की कमी नहीं, फिर भी पावर कट से परेशानी
Kaushal Anand
Ranchi : गर्मी अपने पीक पर है. मॉनसून करीब होने के कारण उमस भी है. उमस भरी गर्मी में रांची के लोग अनचाहे पावर कट से परेशान हैं. अपवाद को छोड़ दें, तो रांची को करीब-करीब हर दिन फुल लोड बिजली मिली है. पर, बारिश, आंधी, थडरिंग और लोकल फॉल्ट के कारण पावर कट की समस्या बढ़ी है. शहरी क्षेत्र में स्थिति तो थोड़ी बेहतर है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में बिजली संकट ज्यादा हो रहे हैं. आंधी-बारिश को छोड़ दिया जाए, तो शहर में जहां औसतन 24 घंटे में करीब 22 घंटे तक बिजली मिल रही है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में 17 से 20 घंटे ही बिजली मिल रही है. इसका मुख्य कारण लोकल फॉल्ट, जैसे 33 व 22 केवी लाइन ब्रेक डाउन, ट्रांसफॉर्मर में खराबी, फ्यूज उड़ना आदि है.
रांची व खूंटी जिला में बिजली की स्थिति
ग्रिड फुल लोड उपलब्ध
हटिया ग्रिड 260-265 मेगावाट करीब 260 मेगावाट
नामकुम ग्रिड 110-120 मेगावाट 100-120 मेगावाट
कांके ग्रिड 60-80 मेगावाट 75 मेगावाट
बुढ़मू ग्रिड 28-30 मेगावाट 28 मेगावाट
नोट : यह आंकड़ा गर्मी के दिनों में औसत मांग व उपलब्धता का है. आंकड़ा पीक आवर की डिमांड और उपलब्धता का है. पीक ऑवर सुबह 6 बजे से 10 बजे तक और शाम को 6 बजे से रात को 11 बजे तक है.
पलामू–गढ़वा को नहीं मिलती फुल लोड बिजली
Arun Kumar Singh
Medininagar : डाल्टनगंज और छतरपुर डिवीजन में क्रमशः 25 व 11 बिजली सब स्टेशन हैं. यहां दो बिजली ग्रिड हैं – सूदना और बी मोड़. यहीं से छतरपुर डिवीजन और गढ़वा डिवीजन को बिजली उपलब्ध करायी जाती है. डाल्टनगंज डिवीजन के कार्यपालक अभियंता शंभुनाथ चौधरी और छतरपुर डिवीजन के ईई शुभम सिंह ने बताया कि उनके डिवीजन में फुल लोड सप्लाई के लिए 90 मेगावाट बिजली चाहिए. हर दिन करीब 20-30 मेगावाट बिजली कम मिलती है.
इसकी वजह से लोड शेडिंग करना मजबूरी होती है. जब लोड शेडिंग करनी पड़ती है, तो यह शहरी इलाके में भी होती है और ग्रामीण इलाके में भी. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि पावर क्राइसिस की स्थिति में भी विभाग कोशिश करता है कि आपातकालीन सेवाएं बाधित न हों. जानकारी के मुताबिक, पलामू-गढ़वा में हर दिन लोड बढ़ रहा है. हर दिन लोग नए-नए विद्युत उपकरण खरीद रहे हैं. भीषण गर्मी में पंखा से लेकर कूलर और एसी की संख्या भी हर दिन बढ़ रही है. लोड बढ़ने से बराबर फॉल्ट लगता है. इससे पावर कट होता है.
प्लांटों को अधिक व किसानों को कम बिजली
छतरपुर, हरिहरगंज, पिपरा, हुसैनाबाद आदि इलाके के ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं का कहना है कि इलाके के किसानों को क्रसर प्लांटों की अपेक्षा बहुत ही कम बिजली मिलती है. जिसके कारण खेती किसानी का काम प्रभावित होता है.
लातेहार शहरी क्षेत्र में 23 व ग्रामीण क्षेत्रों मे 19 घंटे मिल रही बिजली
Ashish Tagore
Latehar : जिला मुख्यालय में बिजली की स्थिति कमोवेश ठीक है. प्रचंड गर्मी में लोगों के लिए यह राहत भरी बात है कि लोगों को प्रतिदिन 20 से 22 घंटे बिजली मिल रही है. बिजली की मांग व उपलब्धता को लेकर हमने कनीय विद्युत अभियंता अंकित कुमार से बात की. उन्होंने बताया कि लातेहार शहरी क्षेत्र में प्रतिदिन 22-23 घंटे बिजली की आपूर्ति की जा रही है. जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति 19 से 20 घंटे हो रही है.
लातेहार जिला मुख्यालय को फूल लोड में 28 मेगावाट बिजली की जरूरत होती है. करीब 15 से 17 मेगावाट बिजली मिलती है. उसी में लोड शेडिंग कर बिजली की आपूर्ति की जाती है. शाम छह से रात 10 बजे तक पीक आवर होता है. इस दौरान बिजली की उपलब्धता कम होती है. शेष अवधि में नियमित बिजली की आपूर्ति की जा रही है. उन्होंने बताया कि गत दिनों बिजली के तारों से सटी पेड़ों की टहनियों को काटा गया है. अक्सर हवा और बारिश में पेड़ों की टहनियां बिजली के तारों में सटने से फाल्ट हो जाया करती थी. नियमित बिजली रहने से शहर के बिजली उपकरणों के दुकानों में भी रौनक है. फ्रिज, कूलर और एसी की खूब बिक्री हो रही है.
थाना चौक के राधा सेल्स के राजेश प्रसाद ने कहा कि बिजली रहने से कारोबार अच्छा हो रहा है. अगर बिजली नहीं रहती, तो बिजली के उपकरणों की बिक्री नहीं हो पाती. हालंकि जिले के गारू और महुआडांड़ प्रखंडों में बिजली की हालत खराब है.
हजारीबाग में दो–तीन दिन से लोड शेडिंग में बढ़ोतरी
Pramod Upadhyay
Hazaribagh : हजारीबाग जिला में बिजली की आपूर्ति डीवीसी करती है. पिछले दो-तीन दिनों से लोड शेडिंग में बढ़ोतरी हुई है. इसको लेकर विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता से बात की, तो उन्होंने बताया कि हजारीबाग में हर दिन 165 मेगावाट बिजली की डिमांड रहती है. लेकिन डीवीसी 130-135 मेगावाट बिजली ही देती है. इस कारण थोड़ी दिक्कतें रहती है. पिछले दो-तीन दिनों से लोड शेडिंग के सवाल पर कार्यपालक अभियंता ने कहा कि अभी कितनी बिजली मिल रही है, इसकी जानकारी नहीं है.
बिजली की दिक्कतों को लेकर हमने शहर के लोगों से भी बात की. कुम्हार टोली निवाली राजेश त्रिवेदी ने बताया कि दुर्गा मंडप के पास का ट्रांसफॉर्मर चार महीने से खराब था. चार हजार रुपये खर्च करने के बाद सप्ताह भर पहले ट्रांसफॉर्मर ठीक किया गया. शिवपुरी कृष्ण विहार कॉलोनी निवासी चंदन कुमार, रंजीत दुबे और पंकज सिंह ने बताया कि पिछले एक माह से एक फेज का तार जला हुआ है. विभाग को कई बार सूचना देने के बाद भी तार नहीं बदला गया है. कटकमसांडी के पबरा निवासी छोटन मेहता ने बताया कि सिमराही नदी के पास पिछले तीन साल से खंभा झुका हुआ है. इसे बदलने के लिए कई बार आग्रह किया गया, लेकिन उसे बदला नहीं गया है.
रामगढ़ में लोड शेडिंग व लो वोल्टेड ने परेशानी बढ़ाई
Durvez Alam
Ramgarh : जिले में अनियमित बिजली आपूर्ति ने लोगों को परेशान कर रखा है. इसके साथ ही लो-वोल्टेड की समस्या से भी लोगों को जूझना पड़ रहा है. लो वोल्टेज की वजह से पानी का मोटर नहीं चलता है. गर्मी के साथ पानी का संकट भी हो जाता है. शाम चार बजे से रात सात बजे तक अक्सर बिजली कटी रहती है. पाहन बेड़ा निवासी विमल पाहन ने बताया कि बिजली की स्थिति बहुत ही खराब है. गांव में आधा-एक घंटा बिजली रहती है. शाम के समय भी दो-तीन घंटे बिजली कटती है. भुरकुंडा के चीकोर निवासी आजाद अंसारी ने बताया कि बिजली कटौती से ग्रामीण परेशान हाल में हैं. दिन भर में कई बार बिजली कटती है. बिजली आती-जाती रहती है. 24 घंटे में 15 से 16 घंटे ही बिजली मिल पाती है. गर्मी के दिनों में ग्रामीण बगैर बिजली के कई समस्याओं से जूझते हैं.
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