Ranchi : झारखंड कैडर के आईपीएस और वर्तमान में एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान केंद्र में डीजी रैंक में इम्पैनल हुए हैं. आईपीएस एसएन प्रधान 1988 बैच के अधिकारी हैं. वे 22 जनवरी 2019 को एनडीआरएफ के डीजी बने थे. उन्हें 2006 में राष्ट्रपति सराहनीय सेवा पदक और 2012 में राष्ट्रपति विशिष्ट सेवा पदक मिला है. वर्ष 2008 में यूके सरकार ने पुलिसिंग पर इनोवेशन के लिए उन्हें ‘क्विंस अवार्ड’ दिया था.
वहीं इससे पहले एसएन प्रधान झारखंड पुलिस में एडीजी के पद पर तैनात थे वे सीआईडी, एडीजी अभियान और स्पेशल ब्रांच में भी अपना योगदान दे चुके हैं. वह ओडिशा के रहने वाले हैं.
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फर्जी नक्सल सरेंडर की हस्तक्षेप याचिका में आया था नाम
वर्ष 2013 में दिग्दर्शन इंस्टीट्यूट के तथाकथित 514 छात्रों को फर्जी नक्सली बताकर सरेंडर कराये जाने के मामले में रवि बोदरा ने हाइकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर किया है. दायर की गई हस्तक्षेप याचिका में रवि बोदरा ने कहा है कि उस समय के सीआरपीएफ आईजी, राज्य के पूर्व डीजीपी डीके पांडेय, पूर्व गृह सचिव जेबी तुबिद, आईजी एसएन प्रधान, कोबरा बटालियन के डिप्टी कमांडेंट पीआरके मिश्रा, कंपनी कमांडेंट लखेद्र सिंह और रांची के तत्कालीन एसएसपी को पूरी मामले की जानकारी थी.
झारखंड कैडर के अनिल पालटा भी इसी महीने हुए थे इम्पैनल
इससे पहले इसी महीने झारखंड कैडर के आईपीएस अधिकारी केंद्र में इम्पैनल हुए थे. चार फरवरी को आईपीएस अधिकारी अनिल पालटा केंद्र में एडीजी रैंक में इम्पैनल किए गए थे. अनिल पालटा 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और झारखंड सीआईडी के एडीजी के पद पर तैनात रहे. वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर जैसे अहम पद पर सेवाएं दे चुके हैं. 2015 में झारखंड का कैडर में वापसी के बाद एडीजी अभियान, एडीजी आधुनिकीकरण और प्रशिक्षण के पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
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