Hazaribagh: शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में है. यहां पैसे दिये बिना इलाज करना असंभव है. वार्ड से लेकर ड्रेसिंग हो या ऑपरेशन या फिर लेबर रूम, सभी जगह पर पैसा देने के बाद ही इलाज की सुविधा मिल पाती है. पैसा के साथ-साथ पैरवी और पहुंच भी बताना होगा. नेता, मंत्री और जनप्रतिनिधि के नाम की भी इस अस्पताल में आए मरीजों के बीच खूब चर्चा होती है. वहीं, दूसरे जिले से रेफर होकर आए मरीजों के पास स्थानीय जनप्रतिनिधि या नेता की पैरवी न के बराबर होती है. उस पर से अगर आर्थिक रूप से कमजोर हैं, तो वैसे मरीज की न सही से देखभाल होती है, न ही सही से इलाज. ऐसे में यह सरकारी अस्पताल अब केवल नाम का रह गया है. यहां तक कि अब 108 एंबुलेंस के चालक भी मजबूर परिजन से चाय-पानी के नाम पर पैसा मांगने लगे हैं. शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शनिवार को ऐसा ही मामला सामने आया. पैर में बैंडेज करवाने के नाम पर चौपारण के एक मरीज से अस्पताल कर्मी के द्वारा 250 रुपये मांगे जा रहे थे. इस पर मरीज ने बरही विधायक उमाशंकर अकेला को फोन के माध्यम से सूचना दी. इसके बाद विधायक आग बबूला हो गए और वह हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर पहुंच कर धरना पर बैठ गये.
मरीजों को नहीं मिल रहा सुविधाओं का लाभ
बरही विधायक ने कहा कि यह सरकारी अस्पताल में सरकार ने कई तरह की सुविधाएं दी हैं, लेकिन मरीजों को इसका लाभ नहीं दिया जा रहा है. इस अस्पताल में बैंडेज, ऑपरेशन, डिलीवरी, अल्ट्रासाउंड, डेथ सर्टिफिकेट या फिर पोस्टमार्टम करवाना हो, सभी जगह रेट फिक्स कर रखा है. ऐसे में मरीज काफी परेशान हैं और अस्पताल प्रबंधन सरकार को बदनाम करने पर तुली हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व में भी पोस्टमार्टम हाउस के पास धरना दिया गया था. इसके बावजूद आज तक अस्पताल में कोई सुधार नहीं हुआ. अब यह मामला सरकार तक पहुंचाया जाएगा.
अस्पताल की एक महिला कर्मचारी कर रही वसूली
एक मरीज ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि इस अस्पताल में एक महिला कर्मचारी है, जो ऑपरेशन थिएटर में रहती है. वह मरीज से पैसे खूब लेती है और खुद को बरही विधायक उमाशंकर अकेला का खास होने का दावा करती है. इस महिला कर्मचारी की शिकायत करने पर भी अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होती है. जबकि, उक्त महिला मरीज को डरा कर प्राइवेट अस्पताल में भेज देती है और वहां से मोटा कमीशन वसूलती है. इस मामले में बरही विधायक ने कहा कि हमारी पैरवी से कोई भी कर्मचारी अस्पताल में नहीं रखा गया है. अगर कोई हमारे नाम का इस्तेमाल कर मरीज को डरा-धमका कर पैसे मांग रहा है, तो ऐसे लोगों पर अस्पताल प्रबंधन को कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि उस महिला कर्मचारी को चिह्नित कर सरकार व प्रशासन से उसके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी.
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