Ranchi: सीपीआई(एम) माकपा के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने पेश बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत के दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था होने और वर्ष 2027 तक इसके 5 ट्रिलियन डालर बन जाने की अर्थव्यवस्था बन जाने की बड़ी-बड़ी बातों के बावजूद जमीनी सच्चाई इससे पूरी तरह अलग है. बढती बेरोजगारी, अनाज समेत खाने-पीने की चीजों की बढ़ती कीमतें, बेहद कम निजी निवेश, उपभोग खर्च में गतिरोध, छोटे खुदरा कर्जों के न चुकता होने की बढ़ती संख्या और विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट – यह सभी सरकार की आर्थिक नीतियों के कारण हो रहे हैं.
वित्तमंत्री ने अपने भाषण में देश में जारी आर्थिक मंदी के मुख्य कारण अर्थव्यवस्था में मांग की कमी से निपटने का कोई जिक्र नहीं किया है. बीमा क्षेत्र में एफडीआई एक सौ फीसदी लाए जाने का प्रस्ताव सरकारी बीमा कंपनियों को जिनका देश की अर्थव्यवस्था में काफी बड़ा योगदान है. बीमा क्षेत्र को पूरी तरह विदेशी दिवालिया बीमा कंपनियों और कार्पोरेट घरानों के हाथों सौंपने की तैयारी है. वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण में रुपए की गिरती हालत पर कुछ नहीं कहा है, जो आज एक डालर के मुकाबले 86 रुपया हो गया है. यह स्थिति पहले से ही जारी सारी मौजूदा समस्याओं को और बढ़ा देगी.
कहा कि आज केंद्र सरकार को यह समझ में नहीं आ रहा है कि इस लगातार बढ़ते संकट से कैसे निपटे, जिसमें आय कम है, लागतें बढ़ रही हैं और रोजगार के अवसर नहीं बढ़ रहें हैं तथा आमलोगों पर बोझ निरंतर बढ़ता जा रहा है. सीपीएम का झारखंड राज्य सचिवमंडल इस जनविरोधी और कार्पोरेटपरस्त बजट के खिलाफ आगामी 5 फरवरी को देश के किसानों और मजदूर संगठनों के देशव्यापी विरोध कार्रवाई का समर्थन करता है.
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