alt="" width="300" height="200" /> सार्वजनिक नाली को भी लोंगों ने घेराबंदी कर अतिक्रमण के दायरे में ले लिया है[/caption] Adityapur : नगर निगम क्षेत्र का वार्ड 30 इन दिनों सुर्खियों में है। यहां की सबसे बड़ी समस्या अतिक्रमण की है। एलआइजी वासियों ने आवास बोर्ड के क्वार्टरों के स्वरूप का परिवर्तित करने के साथ व्यापक पैमाने पर सामूहिक उपयोग के लिए छोड़े गए क्षेत्र का अतिक्रमण कर लिया है। अतिक्रमण का आलम यह है कि लोगों ने बिजली के पोल, ट्रांसफार्मर को भी अपने घरों के अहाते में ले लिया है। यह सारा कुछ आरआइटी थाना से महज 50 से 100 मीटर की दूरी पर किया गया है।
सड़कें हुईं संकरी, कब्जे से नालियां भी सिकुड़ीं
[caption id="attachment_204323" align="aligncenter" width="200"]alt="" width="200" height="300" /> सार्वजनिक उपयोग की जमीन की तार से घेराबंदी कर अतिक्रमण[/caption] क्षेत्र के एक सामाजिक कार्यकर्ता राजेश कुमार मिश्रा बताते हैं कि कॉमन यूटिलिटी के एरिया का अतिक्रमण कर लेने की वजह से सड़क संकरी हो गई है, नालियां सिकुड़ गई हैं जिससे उनकी समुचित सफाई नहीं हो पा रही है। लोग नाली जाम और मच्छरों के प्रकोप से परेशान हैं। घरों के आगे मकान दुकान बढ़ाकर सड़कों को संकरी और नाली पर कब्जा कर लिया गया है। वे बताते हैं कि फ्लैट में अतिक्रमण का यह आलम है कि झारखंड बिजली बोर्ड के ट्रांसफर को भी लोहे के घेराबंदी कर घेर लिया गया है। इस ट्रांसफार्मर से बिजली का प्रवाह भी स्थानीय लोगों के घरों में है। आश्चर्य का विषय है कि आरआइटी थाना के पुलिस पदाधिकारियों का दिन भर यहीं से आना जाना है। थाने में जिला के उच्च अधिकारी भी इसी रास्ते से जाते हैं। आवास बोर्ड के कर्मचारी भी यहां अक्सर विजिट करते हैं लेकिन इस तरह के अतिक्रमण पर उन्होंने चुप्पी साध रखी है। इस संबंध में आवस बोर्ड के कर्मचारी कुछ भी प्रतिक्रिया देने से कतराते हैं और समूचे आदित्यपुर की यही स्थिति होने की बात कहते हैं। जबकि वार्ड पार्षद अतिक्रमण की समस्या को प्रशासनिक समस्या बता अपना पल्ला झाड़ ले रहे हैं। [wpse_comments_template]
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