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एक युग का अंत...शिबू सोरेन के निधन पर झारखंड के दिग्गज नेताओं ने जताया शोक

Ranchi :  झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक संरक्षक और आदिवासी समुदाय के महान योद्धा दिशोम गुरु शिबू सोरेन का आज सुबह निधन हो गया. 81 वर्षीय गुरुजी ने दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में अंतिम सांस ली. शिबू सोरेन के निधन पर देशभर में शोक की लहर है. वहीं पार्टी सहित पूरे राज्य भी शोक में डूबा है. राज्यपाल, सीएम हेमंत सोरेन, राज्य के विभिन्न दलों के विधायकों और वरिष्ठ नेताओं ने ने गुरु जी के निधन पर शोक जताया है और इसे एक युग का अंत बताया है. नेताओं ने गुरु जी को झारखंड की आत्मा, संघर्ष की आवाज और गरीबों के दिलों की धड़कन भी बताया है.

 

जनजातीय अस्मिता व अधिकार के सशक्त स्वर थे :  राज्यपाल

राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी का निधन अत्यंत दुखद व पीड़ादायक है. वे जनजातीय अस्मिता व अधिकार के सशक्त स्वर थे. राजनीतिक-सामाजिक जगत में उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा. शोकाकुल परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदना.

 

झारखंड का सूरज सुबह उगने से पहले ही हमेशा के लिए अस्त हो गया : डॉ इरफान

स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि झारखंड के निर्माता, आदिवासी समाज के पुरोधा और गरीबों के मसीहा श्रद्धेय गुरुजी अब हमारे बीच नहीं रहे. झारखंड का सूरज सोमवार की सुबह उगने से पहले ही हमेशा के लिए अस्त हो गया. गुरुजी ने न सिर्फ झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाया, बल्कि आदिवासी समाज को अंधकार से निकालकर अधिकार और आत्मसम्मान के उजाले की ओर अग्रसर किया. वे हमारे लिए पिता तुल्य थे. उनका यूं अचानक चले जाना, न सिर्फ झारखंड बल्कि पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है.

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आपके साथ बिताये पल याद आ रहे हैं :  चंपाई

पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने कहा कि दिशोम गुरू शिबू सोरेन के निधन की दुखद सूचना से शोकाकुल हूं. मरांग बुरु दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें.  यह एक युग का अंत है. झारखंड आंदोलन के दौरान पहाड़ों, जंगलों एवं सुदूरवर्ती गांवों से लेकर विधानसभा तक, आपके साथ बिताये पल याद आ रहे हैं.

चंपाई ने आगे लिखा कि महाजनी प्रथा एवं नशे के खिलाफ आदिवासियों, मूलवासियों तथा शोषित-पीड़ित जनता के संघर्ष को जिस प्रकार आपने दिशा दी, उसे आने वाली पीढ़ियां सदैव याद रखेंगी. आप हमेशा हमारे दिल में रहेंगे. आपके आदर्श एवं विचार सदैव हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे. झारखंड की आम जनता के हितों को लेकर जो संघर्ष आपने शुरू किया था, वह जीवनपर्यंत जारी रहेगा. 

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दिशोम गुरु का जाना अपूरणीय क्षति: सुप्रियो भट्टाचार्य

झामुमो के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने एक शोक संदेश जारी कर इसे “पार्टी, झारखंड राज्य एवं देश के आदिवासी-मूलवासी, शोषित-दलित, मजदूर-किसान, महिला एवं जनसमुदाय के लिए हिमालय के स्खलन समान क्षति” बताया है.

 

भट्टाचार्य ने कहा कि आदरणीय गुरुजी ने अपने जीवन में सदैव धारा के विपरीत जाकर संघर्ष किया और कभी पराजित नहीं हुए. उनके जीवन से प्रेरणा लेकर दबे-कुचले समाज ने अपनी पहचान, सम्मान और अधिकार प्राप्त किया.

 

उन्होंने कहा कि गुरुजी ने हमेशा अज्ञानता के विरुद्ध शिक्षा, शोषण के विरुद्ध संघर्ष और सम्मानपूर्वक जीवन जीने का मार्ग दिखाया. आज भले ही वह शारीरिक रूप से हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी विचारधारा और शिक्षाएं पार्टी के हर सदस्य को कठिन परिस्थितियों में भी हार न मानने की प्रेरणा देती रहेंगी. झामुमो ने दिवंगत दिशोम गुरु को श्रद्धांजलि देते हुए उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प दोहराया है


मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति : रघुवर दास

पूर्व सीएम रघुवर दास ने कहा कि झारखंड आंदोलन के अगुआ, दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन से मर्माहत हूं, स्तब्ध हूं. उनका जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है. वह मेरे पितातुल्य रहे हैं. सदैव उनका सानिध्य मुझे मिला. उनके मार्गदर्शन में मुझे उपमुख्यमंत्री के पद पर रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. मरांग बूरू पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें. मेरे जैसे उनके लाखों प्रशंसकों, उनके समर्थकों, उनके परिजनों को यह पीड़ा सहने की शक्ति प्रदान करें.

 

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शिबू सोरेन सिर्फ एक नाम नहीं बल्कि एक आंदोलन है : दीपिका

झारखंड की मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि मुझे लगता है कि पूरे राज्य में शोक व्याप्त हो गया है. 'दिशोम गुरु' शिबू सोरेन सिर्फ एक नाम नहीं बल्कि एक आंदोलन हैं. उनकी विरासत हमारे विचारों और हमारे काम के जरिए हमेशा जिंदा रहेगी. मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं और ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि उनके परिवार को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें. आप उनके नाम के बिना झारखंड की कल्पना भी नहीं कर सकते. लेकिन हम समझ सकते हैं कि एक पिता को खोने का क्या मतलब होता है.

 

गुरुजी के निधन से शून्य की उत्पत्ति, इसे हेमंत भरेंगे - सरयू राय 

जदयू विधायक सरयू राय ने कहा कि गुरुजी के निधन से एक शून्य उत्पन्न हो गया है. मुझे विश्वास है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस शून्य को भरेंगे. झारखंड ने एक महानायक खो दिया है. मैं उनके प्रति सादर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें.

 

दिशोम गुरु का जाना झारखंड के लिए गहरा आघात : शशिभूषण मेहता

भाजपा विधायक शशिभूषण मेहता ने कहा कि दिशोम गुरु जमीन से जुड़े हुए एक संघर्षशील नेता थे. उनका जाना झारखंड के लिए गहरा आघात है. यह क्षति निकट भविष्य में पूरी नहीं की जा सकती. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं उनके परिवार को ईश्वर शक्ति प्रदान करें.

 

गुरु जी ने झारखंड की आवाज को बुलंदी से रखा : श्वेता सिंह

कांग्रेस विधायक श्वेता सिंह ने लिखा कि आदरणीय शिबू सोरेन जी हमारे अभिभावक तुल्य थे. झारखंड की आवाज को उन्होंने सदैव बुलंदी से रखा. उनका जाना हम सभी के लिए बेहद दुखद है. हम इस दुख की घड़ी में हेमंत सोरेन और उनके परिवार के साथ हैं.

 

शिबू सोरेन ने राजनीति में जो मिशाल कायम की, उसे भर पाना मुश्किल  : सत्येंद्र तिवारी

भाजपा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि गुरुजी ने जीवनभर गरीबों और वंचितों के हक के लिए लड़ाई लड़ी. उनका निधन झारखंड के लिए अपूरणीय क्षति है. उन्होंने राजनीति में जो मिशाल कायम की, उसे भर पाना मुश्किल है.

 

एक व्यक्ति नहीं, विचार और सिद्धांत थे गुरु जी : राजेश कच्छप

कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि गुरुजी का निधन एक युग का अंत है. वह एक व्यक्ति नहीं बल्कि विचार और सिद्धांत थे. उन्होंने जल, जंगल, जमीन के अधिकार के लिए तपस्या की और वंचितों की आवाज बने. उन्हें युगों तक याद किया जाएगा.

झारखंड गुरु जी के संघर्ष का परिणाम :  प्रदीप यादव

कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वीर शिबू’ एक नाम नहीं, संघर्ष का पर्याय हैं. उनकी आवाज जंगल से उठती थी और महलों तक गूंजती थी. उन्होंने आदिवासी, दलित और पिछड़ों के हक की लड़ाई लड़ी. झारखंड उन्हीं के संघर्ष का परिणाम है. उनके दिखाए रास्ते पर चलना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

 

सिर्फ नेता नहीं, जननायक थे दिशोम गुरू : अर्जुन मुंडा

पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने लिखा कि गुरुजी मुझे 'अर्जुन' कहकर बुलाते थे. उनका स्नेह, सरलता और आत्मीयता अविस्मरणीय है. वह केवल एक नेता नहीं, बल्कि जननायक थे. उन्होंने आदिवासी अस्मिता और अधिकार के लिए जो लड़ाई लड़ी, वह पूरे देश में गूंजती रही. जेल से लेकर केंद्र में मंत्री बनने तक उनका जीवन सेवा और संघर्ष की मिसाल है.

 

इसके अलावा कई नेताओं ने शिबू सोरेन के निधन पर शोक व्यक्त किया है और श्रद्धांजलि अर्पित की है.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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