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ऊर्जा विभाग जल्द अडाणी ग्रुप को भेजेगा पत्र, 400 मेगावाट बिजली की होगी मांग

-एक यूनिट से उत्पादित 1600 मेगावाट में से 1457 मेगावाट बिजली मिलने लगी बांग्लादेश को, झारखंड को एमओयू के अनुसार, एक मेगावाट बिजली नहीं मिली -पिछले दिनों अडानी ग्रुप के एमडी राजेश अडानी मिले से सीएम से, सीएम ने एमओयू के अनुसार 400 मेगावाट बिजली की मांग रखी थी Kaushal Anand Ranchi: अडाणी ग्रुप को ऊर्जा विभाग जल्द एक पत्र भेजेगा. इस पत्र में झारखंड सरकार के पूर्व में हुए एमओयू के अनुसार 400 मेगावाट बिजली की मांग की जाएगी. इस संबंध में ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार ने बताया कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने अडानी ग्रुप के एमडी राजेश अडानी ने मुलाकात की थी. जिसमें मुख्यमंत्री ने एमडी से शर्तों के तहत 400 मेगावाट बिजली सस्ती दर पर उपलब्ध कराने का मुद्दा उठाया था. इसके बाद ही विभाग अडाणी को पत्र भेजेगा. इतना नहीं जल्द ही अडाणी ग्रुप के अधिकारी व झारखंड बिजली वितरण निगम के अधिकारी बैठक कर इस मुद्दे का समाधान निकालेंगे.

बांग्लादेश को बिजली मिलनी हो गयी है शुरू, मगर नहीं मिल रहा है झारखंड को

गोड्डा के अडाणी पावर प्लांट से तय लक्ष्य के अनुसार, 800-800 के दो यूनिट से बिजली उत्पादन शुरू हो चुका है. जिसमें बांग्लादेश को 1457 मेगावाट बिजली मिलनी शुरू हो गई है. मगर अब तक झारखंड को एक यूनिट भी बिजली नहीं मिली. पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के समय एमओयू के वक्त झारखंड को प्राथमिकता देने की बात हुई थी, वह भी सस्ती दरों पर. मगर तय लक्ष्य के अनुसार बिजली उत्पादन शुरू हो जाने के बाद भी झारखंड को एक मेगावाट भी बिजली अब तक नहीं मिली. राजेश अडानी के साथ हुई सीएम की मुलाकात में सीएम ने यह मसला उठाया. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजेश अडानी ने सीएम को आश्वस्त किया है कि अडाणी के दूसरे प्लांट से एमओयू के अनुसार, 400 मेगावाट बिजली दी जाएगी. बताते चलें कि पूरे देश में अडानी पावर ग्रुप के करीब 8 पावर प्लांट हैं.

25 सालों तक बांग्लादेश को देनी है बिजली

भारत और बांग्लादेश सरकार के बीच 2017 में हुए एमओयू के अनुसार, अडानी पावर प्लांट गोड्डा के पावर प्लांट से 1600 मेगावाट बिजली देता रहेगा. यानी की अब गोड्डा पावर प्लांट से झारखंड को बिजली मिलने की उम्मीद नहीं है.

गोड्डा पावर प्लांट को लेकर उठे थे कई सवाल, आखिरकार वही हुआ

जब अडानी गोड्डा पावर प्लांट की नींव डाल रहा था तब ही इसको लेकर झाविमो नेता प्रदीप यादव ने कई तरह के सवाल खड़े किए थे. इसे लेकर बाबूलाल मरांडी और झाविमो कई बड़े आंदोलन किया, इस मामले में प्रदीप यादव को जेल तक जाना पड़ा. जो आंशका प्रकट की गयी थी आखिरकार वही हुआ. गोड्डा के पावर प्लांट से झारखंड को एक यूनिट बिजली नहीं मिली और न ही भविष्य में मिलने की उम्मीद है. सीएम के मांग पर अब अडानी ग्रुप कहां से झारखंड को बिजली मुहैया कराता है. इस पर सबकी नजर है. -एक यूनिट से उत्पादित 1600 मेगावाट में से 1457 मेगावाट बिजली मिलने लगी बंग्लादेश को, झारखंड को एमओयू के अनुसार एक मेगावाट बिजली नहीं मिली. -पिछले दिनों अडानी ग्रुप के एमडी राजेश अडानी मिले से सीएम से, सीएम ने एमओयू के अनुसार 400 मेगावाट बिजली की मांग रखी थी.

गोड्डा पावर प्लांट को लेकर उठे थे कई सवाल, आखिरकार वही हुआ

जब अडानी गोड्डा पावर प्लांट की नींव डाल रहा था तब ही इसको लेकर झाविमो नेता प्रदीप यादव ने कई तरह के सवाल खड़े किए थे. इसे लेकर बाबूलाल मरांडी और झाविमो के कई बड़े नेताओं ने आंदोलन किया, इस मामले में प्रदीप यादव को जेल तक जाना पड़ा. जो आशंका प्रकट की गयी थी आखिरकार वही हुआ. गोड्डा के पावर प्लांट से झारखंड को एक यूनिट बिजली नहीं मिली और न ही भविष्य में मिलने की उम्मीद है. सीएम की मांग पर अब अडानी ग्रुप कहां से झारखंड को बिजली मुहैया कराता है. इस पर सबकी नजर है. [wpse_comments_template]

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