Ranchi : राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देख गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी चिकित्सा महाविद्यालयों के निदेशक, सुपरिटेंडेंट और निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग से बात की. इस दौरान सीएम ने दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अस्पतालों में ऑक्सीजन युक्त बेड और वेंटिलेटर समेत अन्य सभी जरूरी चिकित्सीय संसाधन उपलब्ध कराएगी. इन अस्पतालों में सामान्य दवाओं की बाजार में उपलब्धता को लेकर सरकार द्वारा अहम निर्देश दिया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं, वैसे में इससे जुड़ी आवश्यक दवाओं के साथ सामान्य दवाओं की भी बाजार में किल्लत होने और कालाबाजारी किए जाने की लगातार शिकायतें मिल रही हैं. उन्होंने ड्रग्स निदेशक को कहा कि कोरोना में इस्तेमाल की जा रही दवाओं की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करें. दवाओं का स्टॉक वेरिफिकेशन भी हर सप्ताह किया जाए, ताकि पूरी वस्तुस्थिति की जानकारी मिल सके. उन्होंने अस्पतालों के प्रतिनिधियों से कहा कि दवाओं को लेकर अफरा-तफरी का माहौल नहीं बने, इसे लेकर लोगों को जागरूक करने में सहयोग करें. बैठक में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरूण सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का उपस्थित थे.
दवाओं के इस्तेमाल को लेकर दें जानकारी
मुख्यमंत्री ने मेडिकल कॉलेजों और निजी अस्पतालों से कहा कि वे कोरोना मरीजों को बताएं कि सभी दवाएं सभी के लिए जरूरी नहीं है. संक्रमण के हिसाब से कौन सी दवाएं बेहतर हैं, जिनका इस्तेमाल वे कर सकते हैं. उन्हें यह भी बताएं कि सामान्य रूप से संक्रमित अपने घर में ही आइसोलेशन में रहकर कैसे स्वस्थ हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि रांची में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं तो दूसरी तरफ दूसरे जिलों से भी बेहतर इलाज के लिए मरीज रांची आ रहे हैं. ऐसे में यहां के सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों का दबाव काफी बढ़ गया है. इस वजह से जिलों का सर्किट बनाकर वहां बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है.
रिफिलिंग और सिलेंडर की बढ़ाई जा रही संख्या
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मेडिकल के इस्तेमाल को लेकर ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, लेकिन रिफिलिंग और सिलेंडर की कमी के कारण थोड़ी दिक्कतें आ रही हैं. इस दिशा में रिफिलिंग सेंटर बढ़ाने और पर्याप्त सिलेंडर की व्यवस्था को लेकर आपूर्ति के निर्देश दे दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि भविष्य की जरूरतों को देखते हुए सिलेंडरों का क्षमता विस्तार किया जा रहा है, ताकि ऑक्सीजन को लेकर मरीजों को किसी तरह की कठिनाई नहीं हो. इस दौरान ड्रग्स निदेशक ने मुख्यमंत्री को बताया कि केंद्र सरकार को 17 हजार अतिरिक्त सिलेंडर की आवश्यकता से अवगत करा दिया गया है.
अस्पतालों ने उपलब्ध सुविधाओं के साथ आवश्यकताएं बतायी
इस दौरान मेडिकल कॉलेजों के निदेशक, सुपरिटेंडेंट और निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों ने कोरोना संक्रमितों के इलाज को लेकर अपनी समस्याओं और परेशानियों को बताया. उनके द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण सुझाव –
- संक्रमितों के लिए आइसोलेशन सेंटर बनाया जाए, क्योंकि कोरोना की दूसरी लहर में एक व्यक्ति के संक्रमित होने से उसके घरवाले भी तेजी से संक्रमित हो रहे हैं.
- निजी अस्पतालों ने सरकार से क्रिटिकल केयर बेड बढ़ाने की दिशा में सरकार सहयोग करें.
- अस्पतालों में ऑक्सीजन युक्त बेड और वेंटिलेटर उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार तेजी से कदम उठाए.
- रांची समेत अन्य शहरों के बड़े अस्पतालों में मरीजों की संख्या उनके क्षमता के हिसाब से काफी ज्यादा है. ऐसे में छोटे-छोटे अस्पतालों को पूरी तरह कोविड अस्पताल बनाने अथवा इन अस्पतालों में चिकित्सीय संसाधन उपलब्ध कराकर इंपावर बनाए जाए, ताकि वहां भी मरीजों का बेहतर इलाज हो सके.
- कई अस्पतालों ने मानव बल बढ़ाने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि आज कई चिकित्सक, नर्स और अन्य पारा मेडिकल कर्मी भी तेजी से संक्रमित हो रहे हैं. वहीं निजी अस्पतालों में कई चिकित्सा कर्मी नौकरी छोड़ दे रहे हैं. इस वजह से संक्रमितों के इलाज में दिक्कतें आ रही हैं.
- अंजुमन इस्लामिया अस्पताल के प्रतिनिधि ने कहा कि बेड नहीं मिलने की वजह से मरीज व उसके परिजन अस्पताल में हंगामा करने लगते हैं. ऐसे में पर्याप्त सुरक्षा मुहैय्या कराया जाए. उन्होंने हज हाउस को कोविड केयर सेंटर बनाने का भी सुझाव दिया.