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प्रत्येक सदस्य को 10,000 रुपये का रिवॉल्विंग फंड मिलता है
सिटी मैनेजर, श्रद्धा महतो ने बताया कि महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों में शामिल होने के छह महीने बाद हम उन्हें प्रशिक्षण देते हैं. सदस्यता ग्रहण के तीन महीने बाद उन्हें किसी प्रकार का ऋण मुहैया कराया जाता है. प्रत्येक सदस्य को 10,000 रुपये का रिवॉल्विंग फंड मिलता है. निगम भी व्यवसाय या स्टार्ट-अप शुरू करने के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को लिंकेज ऋण प्राप्त करने में उनकी सहायता करता है. प्रशिक्षण में महिलाओं को व्यवसाय और प्रबंधन रणनीति जैसे गुर सिखाया जाते हैं. यह प्रशिक्षण मुख्य रूप से ऋण से मिले पैसे की उपयोगिता के बारे में केंद्रित होता है. ताकि वे भविष्य में अधिक लाभ कमा सकें और सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें.प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र दिया जाता है
श्रद्धा महतो ने बताया कि प्रशिक्षण यह सिखाया जाता है कि पूंजी का सही उपयोग कैसे करें. आय में वृद्धि कैसे करें और प्रबंधन रणनीति कैसे तैयार करें. इसके लिए निगम द्वारा प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र दिया जाता है. बताया कि प्रशिक्षण लेने वाली महिलाओं ने 1 लाख से 6 लाख रुपये तक ऋण प्राप्त किया है. निगम की इस पहल से ऋण लेने वाली कई महिलाओं लाभान्वित हुई हैं.ट्रेनिंग से मिल रहा लाभ - अंजलि कुमार
ट्रेनिंग लेनेवाली धुर्वा स्थित सवेरा महिला समिति की सदस्य अंजलि कुमार ने बताया कि हम आर्टिफिशियल ज्वेलरी के कारोबार में शामिल रहे हैं. प्रशिक्षण के दौरान कई चीजों की जानकारी मिली. जैसे कि अपने व्यवसाय का लाभ कैसे बढ़ाना है. पैसे को कहां अधिक निवेश करना है. ट्रेनिंग के दौरान, हम उचित व्यवसाय प्रबंधन रणनीतियों और विचारों से अवगत हो पाए हैं. प्रशिक्षण के बाद हमारे मुनाफे में पहले की तुलना में वृद्धि हुई है. इसे भी पढ़ें – खून">https://lagatar.in/patient-cheated-again-in-the-name-of-getting-blood-blood-deal-was-done-for-four-thousand/">खूनदिलाने के नाम पर फिर मरीज से ठगी, चार हजार में हुआ था खून का सौदा [wpse_comments_template]