Deoghar : हर साल 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है. देवघर में एक वैसे पर्यावरणविद् हैं, जिन्होंने अनोखे अंदाज में इस दिवस को मनाया. उस पर्यावरणविद् का नाम रजत मुखर्जी है. पक्षियों के प्रति उनका प्रेम जगजाहिर है. वे पक्षियों की रंग-बिरंगा पेंटिंग्स बनाकर इसे बचाने के प्रति लोगों को जागरूक करते हैं. विश्व गौरैया दिवस पर उन्होंने आकर्षक पेंटिंग्स बनाई. वैसे वे पर्यावरण प्रेमी हैं तथा पर्यावरण संरक्षण से जुड़े कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं. विश्व गौरैया दिवस की शुरूआत 2010 में हुई थी. विलुप्त होती जा रही गौरैया संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए इस दिवस की शुरूआत हुई थी. पहले यह पक्षी घर-आंगन में चहकती दिखाई देती थी. लोग इसे दाना डालते थे. अब धीरे-धीरे यह विलुप्त होती जा रही है. गांवों में फुस के बने घरों में गौरैया के घरौंदे होते थे. बगीचे में वह फुदकती थी. आंगन में सुखने वाले अनाजों में से कुछ दाने चुगकर खाती थी. अब गोरैया की चहचहाहट कानों में नहीं गूंजती. गौरैया पक्षी का विकास भी मानव विकास के साथ माना जाता है. यह पक्षी इंसानी आबादी के आसपास ही रहती है. पक्षियों में यह मनुष्य का निकटतम साथी रहा है. यह">https://lagatar.in/wp-admin/post.php?post=269776&action=edit">यह
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देवघर में पर्यावरणविद् ने अनोखे अंदाज में मनाया विश्व गौरैया दिवस

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