- अप्रैल 2022 में ही होना था हैंडओवर
Ranchi: किसी दूसरे शहरों से रिम्स में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों व उनके तीमारदारों को एक छत मिल जाए तो उनकी आधी समस्या दूर हो जाती है. इलाज संभव हो पाता है और मरीज स्वस्थ हो घर लौट जाता है. इसी सोच के साथ तत्कालीन रघुवर दास की सरकार में 14 जुलाई 2019 को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने करीब 350 बेड के विश्राम सदन की आधारशिला रखी थी. विश्राम सदन का निर्माण केंद्रीय ऊर्जा विभाग के उपक्रम पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की ओर से किया गया. लेकिन इसे विडंबना कहें या जिम्मेदारों की उदासीनता करीब 4 साल के बाद भी भवन बनकर तैयार नहीं हो पाया है. इसे अब तक हैंडओवर नहीं लिया जा सका है. जबकि मामूली महज 5% काम बिजली और पानी का काम बचा हुआ है.
तस्वीरों मेंः मामूली काम की वजह से विश्राम गृह नहीं हो रहा हैंड ओवर
विश्राम सदन में मरीजों के लिए ये सुविधा
जी+5 फ्लोर के इस विश्राम सदन में मरीजों को रहने के लिए डॉरमेट्री का निर्माण किया गया है. हर एक फ्लोर पर 69 बेड लगाए गए हैं. इसी के साथ मरीजों के सामानों को सुरक्षित रखने के लिए लॉकर भी दिया गया है. जहां मरीज इलाज के दौरान अपने सामान को सुरक्षित रख सकते हैं. हर एक फ्लोर पर वॉशरूम और लिफ्ट की व्यवस्था की गयी है. इसी के साथ ग्राउंड फ्लोर पर कैफेटेरिया-कैंटीन भी बनाया गया है. जहां मरीजों को भोजन उपलब्ध किया जाता. लेकिन इच्छा शक्ति की कमी के कारण अबतक यह शुरू नहीं हो पाया है.
15 करोड़ की लागत से बनना था विश्राम सदन
वहीं विश्राम सदन की जब आधारशिला रखी गई तो उस वक्त इसके निर्माण पर 15 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना थी. 2 साल में बना कर इसे हैंडओवर भी कर देना था. लेकिन आज तक भवन हैंडवर्क होने के इंतजार में है.
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एसजी कंस्ट्रक्शन ने पैसे का नहीं किया है भुगतान
वहीं विश्राम सदन का निर्माण कर रही कंपनी एसजी कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाले कर्मचारियों का 4 माह से वेतन भुगतान नहीं किया है. इसके साथ ही कंक्रीट, मिट्टी, ट्रैक्टर, ईंट और टाइल्स-मार्बल का काम करने वाले वेंडरों के पैसे का भी भुगतान नहीं किया है. ऐसे में काम पूरी तरह से ठप है.
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