- आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में आयी शिकायत, हेमंत सोरेन ने कहा- विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम करें संक्रमित मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण
Ranchi : बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच वर्तमान में सभी हॉस्पिटलों में मरीज और उनके परिजन ऑक्सीजन युक्त बेडों की समस्या से जूझ रहे हैं. यह बात मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बुधवार को हुई आपदा प्रबंधन विभाग की बैठक में सामने आयी है. शिकायत यह भी आयी है कि जिन संक्रमितों का ऑक्सीजन लेवल सामान्य हो चुका है, वे ऑक्सीजन युक्त बेडों का ही इस्तेमाल कर रहे हैं.
सीएम ने ऐसी शिकायतों पर नाराजगी जताते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि ऐसे संक्रमितों को चिह्नित कर उन्हें सामान्य वार्ड में शिफ्ट करें. सीएम ने सदर अस्पताल अथवा अन्य हॉस्पिटलों में इलाजरत कोरोना संक्रमित मरीजों की मदद के लिए एक विशेषज्ञ टीम गठित करने का निर्देश दिया है. बैठक में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त -सह -स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव पूजा सिंघल और सचिव अमिताभ कौशल उपस्थित थे.
सरकारी और निजी हॉस्पिटलों में 50 अतिरिक्त सामान्य बेड का लगाने का निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि हॉस्पिटलों में जिन मरीजों को ऑक्सीजन युक्त बेड की जरूरत हैं, उन्हें ही यह उपलब्ध कराया जाए. ऑक्सीजन लेवल सामान्य होने वाले मरीजों को दिक्कत नहीं हो, इसके लिए सभी सरकारी और निजी हॉस्पिटलों में कम से कम 50 अतिरिक्त सामान्य बेड की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश भी सीएम ने दिया. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे रिम्स अथवा बड़े निजी हॉस्पिटलों के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम का गठन करें. यह टीम सदर अस्पताल अथवा अन्य हॉस्पिटलों में इलाजरत कोरोना संक्रमित मरीजों के स्वास्थ्य का परीक्षण करेगी. टीम जरूरत के अनुसार बेहतर चिकित्सीय उपचार के सिलसिले में आवश्यक सलाह देगी. टीम दो बातों पर प्रमुखता से जानकारी देगी.
पहला – किन संक्रमितों को ऑक्सीजन युक्त बेड की जरूरत है.
दूसरा – किन्हें सामान्य वार्ड में भर्ती कर उपचार किया जा सकता है.
जिलों में बेहतर चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराने का दिया निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में कोरोना संक्रमितों को बेहतर चिकित्सीय संसाधन उपलब्ध कराने की दिशा में समुचित कदम उठाए जाएं. हर बेड तक ऑक्सीजन की उपलब्धता, जीवन रक्षक और जरूरी दवाएं पहुंचे. संक्रमितों और उनके परिजनों अथवा सगे संबंधितों की निगरानी की उचित व्यवस्था हो, ताकि संक्रमण से बचाया जा सके.