- पांच साल में कुल GSDP के मुकाबले कम हुआ कर्ज.
- 2020-21 में GSDP का 36.8 प्रतिशत कर्ज था राज्य पर.
- 2024-25 में GSDP का 27 प्रतिशत कर्ज है झारखंड पर.
Ranchi : झारखंड का हर आदमी फिलहाल 40 हजार रुपये का कर्जदार है. राज्य सरकार द्वारा अपने जरूरी खर्चों को पूरा करने के लिए कर्ज लेने की वजह से लोगों पर कर्ज का यह बोझ पड़ा है. पिछले वित्तीय वर्ष (2024-25) में राज्य सरकार को कुल खर्च और कुल कर्ज दोनों ही 1.30 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया था.
Fiscal Responsibility and Budget Management Act (FRBM Act) में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) के मुकाबले कर्ज की अधिकतम सीमा 20% निर्धारित है. हालांकि पिछले कुछ वर्षों के दौरान झारखंड में कुल कर्ज का अनुपात GSDP के मुकाबले 36%-27% के बीच रहा है.
राज्य सरकार अपने जरूरी खर्चों (बजट अनुमान) को पूरा करने के लिए अपने सभी स्रोतों से जुटायी गयी रकम कम पड़ने पर कर्ज लेती है. सरकार की आमदनी और खर्च में पूरी तरह संतुलन नहीं होने की वजह से राज्य पर कर्ज का बोझ लगाता बढ़ता जा रहा है. सरकार के वित्तीय आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020-21 के अंत में सरकार पर कुल कर्ज का बोझ 1.09 लाख करोड़ रुपये था. वित्तीय वर्ष 2024-25 में यह बढ़ कर 1.30 लाख करोड़ हो गया है.
झारखंड पर GSDP के मुकाबले कर्ज
| वित्तीय वर्ष | कर्ज | GSDP का % |
| 2020-21 | 1.09 लाख करोड़ | 36.8% |
| 2021-21 | 1.13 लाख करोड़ | 30.2% |
| 2022-23 | 1.18 लाख करोड़ | 28.4% |
| 2023-24 | 1.27 लाख करोड़ | 27.7% |
| 2024-25 | 1.30 लाख करोड़ | 27% |
फिलहाल राज्य की अनुमानित आबादी 3.29 करोड़ है. राज्य की आबादी के मुकाबले राज्य के कुल कर्ज का आकलन करने पर यह पाया जाता है कि राज्य का हर आदमीं 40 हजार रुपये का कर्जदार है. यानी राज्य पर कर्ज का बोझ बढ़ने पर आम लोगों पर कर्ज का बोझ भी बढ़ता ही रहेगा.
महालेखाकार द्वारा राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन पेश Finance Account में वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंत मे राज्य पर कुल कर्ज 1.30 लाख करोड़ रुपये होने का उल्लेख किया गया है. कर्ज की यह रकम राज्य के संशोधित बजट के बराबर है. यानी वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य सरकार का संशोधित बजट 1.30 लाख करोड़ और कर्ज भी 1.30 लाख करोड़ था. इस स्थिति को सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से बहुत बेहतर नहीं कहा जा सकता है.
Fiscal Responsibility and Budget Management Act (FRBM Act) में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) के मुकाबले कर्ज की सीमा 20% प्रतिशित है. 15 वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह ने FRBM Act के मद्देनजर राज्य के सकल घरेलु उत्पाद के मुकाबले कुल कर्ज की सीमा की समीक्षा की. इसके बाद समिति ने राज्य का कुल कर्ज GSDP का 20% तक रखने की अनुशंसा की. झारखंड में कर्ज का बोझ इस निर्धारित सीमा से अधिक है. यह राज्य की वित्तीय स्थिति के लिए बहुत अच्छा नहीं है.


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