Ranchi : झारखंड उत्पाद विभाग के तत्कालीन संयुक्त आयुक्त गजेंद्र कुमार सिंह ने ACB के समक्ष दिए गए अपने न्यायिक बयान में उत्पाद नीति बनाने से जुड़ी गंभीर और सनसनीखेज खुलासे किए हैं. गजेंद्र सिंह के बयान के मुताबिक झारखंड में पहले से विफल साबित हो चुकी छत्तीसगढ़ उत्पाद मॉडल को लागू कराने के लिए शीर्ष स्तर पर दबाव बनाया गया, जबकि विभागीय स्तर पर इसके खिलाफ स्पष्ट और लिखित आपत्तियां मौजूद थीं.
गजेंद्र कुमार सिंह ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में कहा है कि मैंने तत्कालीन सचिव को स्पष्ट रूप से बताया था कि छत्तीसगढ़ उत्पाद मॉडल झारखंड में पहले भी लागू किया गया था और वह पूरी तरह विफल रहा था तथा राज्य को राजस्व हानि हुई थी. इसके बावजूद मेरे सुझावों को दरकिनार करते हुए छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (CSMCL) को कंसल्टेंट के रूप में आगे बढ़ाया गया.
गजेंद्र सिंह के मुताबिक तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे इस मॉडल को लागू कराने के पक्ष में थे. विभागीय अधिकारियों द्वारा दी गई तकनीकी, प्रशासनिक और व्यावहारिक आपत्तियों को नजरअंदाज किया गया. गजेंद्र सिंह ने अपने बयान में आगे कहा है कि स्वतंत्र प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (PMU) बनाने के प्रस्ताव को ठुकराकर CSMCL को नॉमिनेशन के आधार पर कंसल्टेंसी दी गई.
गजेंद्र कुमार सिंह ने कोर्ट के समक्ष दिए गए अपने 164 के बयान में यह भी कहा है कि जब उन्होंने नीति की खामियों को उच्च स्तर पर रखने की कोशिश की, तो उन्हें कथित रूप से चेतावनी दी गई और विनय चौबे ने कहा कि “आप चुप रहिए, जैसा कहा जा रहा है वैसा करिए, नहीं तो इस्तीफा दीजिए.”


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