Ranchi : शराब घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, उने प्रवर्तन निदेशालय (ED) पूछताछ करेगी. पीएमएलए कोर्ट ने ईडी को पूछताछ की इजाजत दे दी है. जानकारी के मुताबिक ईडी ने पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश की अदालत में आवेदन देकर शराब घोटाले के उन अभियुक्तों से पूछताछ की अनुमति मांगी थी, जिसे ACB ने कांड संख्या 9/25 में गिरफ्तार किया है और वे फिलहाल बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं. ईडी ने कोर्ट को दिये गये आवेदन में महेश सीताराम, परेश ठाकोर, विक्रम ठाकोर, बिपिन जाधवभाई परमार और जगन ठाकोर देसाई से पूछताछ की अनुमति मांगी थी.
ईडी की ओर से दायर आवेदन में कहा गया था कि वह शराब घोटाले की जांच कर रही है. इसमें उसे इन अभियुक्तों से पूछताछ करने और उनका बयान दर्ज करना जरूरी है. इसलिए कोर्ट इन अभियुक्तों से पूछताछ की अनुमति दे. पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश ने ईडी के आवेदन को स्वीकार करते हुए इन अभियुक्तों से पूछताछ की अनुमति दे दी है. कोर्ट ने पूछताछ के लिए चार दिनों का समय दिया है.
ईडी की ओर से कोर्ट में दिये गये आवेदन में कहा गया था कि ACB द्वारा PE-3/2024 की जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इसमें पाया गया है कि मेसर्स विजन हॉस्पिटलिटी एकं कंसलटेंट प्राइवेट लिमिटेड (VHSCPL), मेसर्स मार्शन इनोवेटिव सिक्यूरिटी प्राइवेट लिमिटेड (MISSPL) ने फर्जी बैंक गारंटी के सहारे शराब का व्यापार कर सरकार को नुकसान पहुंचाया. VHSCPL ने 5.35 करोड़ और MISSPL ने 5.02 करोड़ की फर्जी बैंक गारंटी दिया था. महेश सीताराम VHSPL के MD है. परेश ठाकोर VHSCPL के निदेशकों में से एक हैं. विक्रम ठाकोर और बिपिन जाधव भाई परमार भी VHSPL के निदेशकों में से एक है. इसके अलावा जगन ठाकोर MISSPL के निदेशक हैं.
बता दें कि प्रारंभिक जांच पूरी करने के बाद ACB ने मई महीने में शराब घोटाला केस में प्राथमिकी दर्ज की थी. इस प्राथमिकी में वरीय IAS अधिकारी विनय चौबे, उत्पाद विभाग के संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह और विनय सिंह समेत 10 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. केस दर्ज होने के बाद ACB ने विनय चौबे और गजेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया था. इस केस में अब तक एक दर्जन से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी एसीबी ने की है. जिसमें से कई आरोपियों को बेल मिल चुकी है. ACB ने इस मामले में अपनी जांच जारी रखी है.

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