ने हर घर जल योजना के 5200 करोड़ पर लगायी रोक, पिछले बजट का 137 करोड़ खर्च नहीं कर सका विभाग
पिछले साल वित्त मंत्री ने की थी घोषणा
पिछले साल तीन मार्च को वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने विधानसभा सत्र में इसकी घोषणा की थी. तब वित्त मंत्री ने कहा था कि राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को सरकार सौ यूनिट बिजली मुफ्त देगी. इसके बाद इस साल चले सत्र में विपक्षी नेताओं ने सरकार को इस मुद्दे पर आड़े हाथ लिया. इसके बाद मुख्यमंत्री ने सदन को विभाग द्वारा रिपोर्ट तैयार किये जाने की जानकारी दी थी.44 लाख बिजली उपभोक्ताओं को मिलता लाभ
राज्य में झारखंड ऊर्जा विकास निगम के निगम के कुल 46 लाख उपभोक्ता है. इसमें लगभग 44 लाख ग्रामीण तथा शहरी घरेलू उपभोक्ता और लगभग दो लाख कर्मिशयल उपभोक्ता हैं. सरकार की घोषणा के मुताबिक घरेलू उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिलता. ऐसे में लगभग 44 लाख उपभोक्ताओं इस योजना से लाभान्वित होते. हालांकि इससे राज्य सरकार पर लगभग 200 से 250 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ता. सरकार अगर इस योजना पर हामी भरती है, तो उसे निगम को सब्सिडी देनी होगी. यह भी पढ़ें - कोविड">https://lagatar.in/covid-19-rahul-gandhi-releases-white-paper-says-third-wave-is-sure-to-come-warns-modi-government/93463/">कोविड19 : राहुल गांधी ने व्हाइट पेपर जारी कर कहा, तीसरी लहर का आना तय, मोदी सरकार को चेताया
क्या थी जेएमएम की चुनावी घोषणा
जेएमएम ने अपने चुनावी घोषणा में कहा था कि अगर वह सत्ता में आयी, तो घरेलू उपभोक्ताओं को सौ यूनिट मुफ्त दी जायेगी. सत्ता में आते ही हेमंत सोरेन सरकार ने एक श्वेत पत्र जारी किया. इसमें बिजली वितरण निगम को घाटे में बताया गया. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने मुफ्त बिजली देने की भी घोषणा की. बता दें पिछले साल से निगम की राजस्व वसूली में तेजी देखी गयी है, जो लगभग 450 करोड़ तक रही. लेकिन कोविड संक्रमण के कारण निगम की माली हालत फिर चरमरा गयी है. इसके पहले तक निगम को राजस्व वसूली में घाटा होता रहा था. पिछले साल तक हर महीने राजस्व वसूली लगभग 300 करोड़ हुई, जबकि निगम दूसरी कंपनियों से हर माह लगभग पांच सौ करोड़ रुपये की बिजली खरीदता है. [wpse_comments_template]

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