Chhaya
Ranchi : पांच लाख रोजगार के बाद हेमंत सोरेन सरकार का एक और वादे पर संकट मंडरा रहा है. जेएमएम ने अपने चुनाव घोषणापत्र में कहा था कि सत्ता में आने पर दो साल के भीतर झारखंड में पांच लाख युवाओं को रोजगार दिया जायेगा. सरकार बने 18 महीने होने को हैं, लेकिन राज्य में बेरोजगारी का मुद्दा ज्वलंत रूप लेता जा रहा है. इधर अब सरकार की घरेलू उपभोक्ताओं को सौ यूनिट बिजली मुफ्त देने की भी योजना खटाई में पड़ गयी है. इस साल 22 मार्च को सदन में मुख्यमंत्री ने कहा था कि हम राज्यवासियों को मुफ्त 100 यूनिट बिजली देना का वादा पूरा करने जा रहे हैं. ऊर्जा विभाग को इसका प्रस्ताव बनाने को कहा गया है. मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद ऊर्जा विभाग ने प्रस्ताव सीएमओ को भेजा. इसके मुताबिक घरेलू उपभोक्ताओं को सौ यूनिट बिजली फ्री देने से राज्य के खजाने पर हर महीने लगभग 200 से 250 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. वित्तीय बोझ को देखते हुए सरकार ने इसपर फैसला टाल दिया और फाइल ऊर्जा विभाग में वापस भेज दी गयी. फिलहाल यह प्रस्ताव ऊर्जा विभाग में पड़ा है. इस पर किसी तरह की कार्रवाई की सूचना नहीं है. सूत्रों की मानें, तो सरकार आर्थिक तंगी के कारण इस योजना का बोझ उठाने की स्थिति में नहीं है. लिहाजा इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.
यह भी पढ़ें –केंद्र ने हर घर जल योजना के 5200 करोड़ पर लगायी रोक, पिछले बजट का 137 करोड़ खर्च नहीं कर सका विभाग
पिछले साल वित्त मंत्री ने की थी घोषणा
पिछले साल तीन मार्च को वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने विधानसभा सत्र में इसकी घोषणा की थी. तब वित्त मंत्री ने कहा था कि राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को सरकार सौ यूनिट बिजली मुफ्त देगी. इसके बाद इस साल चले सत्र में विपक्षी नेताओं ने सरकार को इस मुद्दे पर आड़े हाथ लिया. इसके बाद मुख्यमंत्री ने सदन को विभाग द्वारा रिपोर्ट तैयार किये जाने की जानकारी दी थी.
44 लाख बिजली उपभोक्ताओं को मिलता लाभ
राज्य में झारखंड ऊर्जा विकास निगम के निगम के कुल 46 लाख उपभोक्ता है. इसमें लगभग 44 लाख ग्रामीण तथा शहरी घरेलू उपभोक्ता और लगभग दो लाख कर्मिशयल उपभोक्ता हैं. सरकार की घोषणा के मुताबिक घरेलू उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिलता. ऐसे में लगभग 44 लाख उपभोक्ताओं इस योजना से लाभान्वित होते. हालांकि इससे राज्य सरकार पर लगभग 200 से 250 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ता. सरकार अगर इस योजना पर हामी भरती है, तो उसे निगम को सब्सिडी देनी होगी.
यह भी पढ़ें – कोविड 19 : राहुल गांधी ने व्हाइट पेपर जारी कर कहा, तीसरी लहर का आना तय, मोदी सरकार को चेताया
क्या थी जेएमएम की चुनावी घोषणा
जेएमएम ने अपने चुनावी घोषणा में कहा था कि अगर वह सत्ता में आयी, तो घरेलू उपभोक्ताओं को सौ यूनिट मुफ्त दी जायेगी. सत्ता में आते ही हेमंत सोरेन सरकार ने एक श्वेत पत्र जारी किया. इसमें बिजली वितरण निगम को घाटे में बताया गया. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने मुफ्त बिजली देने की भी घोषणा की. बता दें पिछले साल से निगम की राजस्व वसूली में तेजी देखी गयी है, जो लगभग 450 करोड़ तक रही. लेकिन कोविड संक्रमण के कारण निगम की माली हालत फिर चरमरा गयी है. इसके पहले तक निगम को राजस्व वसूली में घाटा होता रहा था. पिछले साल तक हर महीने राजस्व वसूली लगभग 300 करोड़ हुई, जबकि निगम दूसरी कंपनियों से हर माह लगभग पांच सौ करोड़ रुपये की बिजली खरीदता है.
[wpse_comments_template]