Ranchi : सीबीआई ने जालसाजी के मामले में भगोड़ा घोषित मोनिका कपूर को अमेरिका से भारत लाने में कामयाबी हासिल की है. मोनिका को आयात- निर्यात में धोखाधड़ी के आरोप में कोर्ट ने 2006 में उसे भगोड़ा घोषित किया था. जालसाजी में शामिल मोनिका के भाईयों को न्यायालय सजा सुनायी जा चुकी है. लेकिन मोनिका कोर्ट में हाजिर होने के बदले भागी फिर रही थी.
मेसर्स मोनिका ओवरसीज नाम की कंपनी की मालकिन मोनिका कपूर ने अपने भाईयों के साथ मिल कर साजिश रची. मोनिका के भाईयों ने वर्ष 1989 में निर्यात से जुड़े दस्तावेज जैसे शिपिंग बिल, चालान और बैंक सर्टिफिकेट सहित अन्य दस्तावेज में जालसाजी कर 2.36 करोड़ रुपये मूल्य का शुल्क मुक्त सोना (duty free gold) आयात करने का छह प्रतिपूर्ति लाइसेंस (Replenishment License) हासिल किया.
इसके बाद सुनियोजित साजिश के तहत इस लाइसेंस को अहमदाबाद की कंपनी मेसर्स दीप एक्सपोर्ट्स को प्रीमियम लेकर बेच दिया. मेसर्स दीप एक्सपोर्ट्स ने इस लाइसेंस का इस्तेमाल कर 1998 में सोना आयात किया. इससे सरकार को 1.44 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.जालसाजी के इस मामले में वर्ष 2002 में सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की थी.
मामले की जांच के बाद मोनिका उसके भाई राजन खन्ना और राजीव खन्ना के खिलाफ 2004 में आरोप पत्र दायर किया गया था. कोर्ट द्वारा वर्ष 2017 में मोनिका के भाईयों के सजा सुनायी जा चुकी है. लेकिन मोनिका कोर्ट में हाजिर नहीं हो रही थी.
कोर्ट ने वर्ष 2006 में मोनिका को भगोड़ा घोषित कर दिया था. इसके बाद वर्ष 2010 में सीबीआई के अनुरोध पर उसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी किया गया था. इंटरपोल से नोटिस जारी होने के बाद सीबीआई ने अमेरिकी में मोनिका को गिरफ्तार किया. सीबीआई की टीम उसे लेकर दिल्ली पहुंच रही है.