मार्च 2024 तक यह मशीन लगाई जाएगी- निदेशक
बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के निदेशक केएल अग्रवाल ने बताया कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से इस मशीन को लगाने की स्वीकृति मिल गई है. मार्च 2024 तक यह मशीन लगाई जाएगी. यह प्रणाली दिल्ली, वाराणसी और बेंगलुरू एयरपोर्ट पर लगाई जा चुकी है. निदेशक ने कहा कि डिजि-यात्रा ऐप में यात्रियों की व्यक्तिगत पहचान बताने वाले डाटा को केंद्रीकृत प्रणाली में स्टोर नहीं किया जाता है. पहचान पत्र और यात्रा की जानकारियां यात्रियों के फोन के सुरक्षित वॉलेट में रहेंगी.डिजि-यात्रा ऐप का इस्तेमाल
मिली जानकारी के अनुसार, ऐप में यात्रियों का डाटा इनक्रिप्टेड होगा. इसके लिए ब्लॉकचेन नाम की तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. डाटा यात्रियों के सफर से 24 घंटे पहले एयरपोर्ट को साझा होगा और इसके साथ यात्रा पूरी होने के 24 घंटे में इसे एयरपोर्ट के सर्वरों से मिटा दिया जाएगा. यात्री को डिजि-यात्रा नाम का ऐप मोबाइल पर रखना होगा और अपना आधार कार्ड वेरिफिकेशन के साथ फोटो अपलोड करना होगा. ऐप के जरिए ही यात्रियों को बोर्डिंग पास स्कैन करना होगा. तब यह जानकारियां एयरपोर्ट से साझा होंगी. एयरपोर्ट के ई-गेट पर बोर्डिंग पास का बार कोड स्कैन होगा. यहीं एफआरटी लगा होगा, जिसमें यात्री के चेहरे से पहचान व यात्रा दस्तावेजों की पुष्टि होगी. प्रक्रिया पूरी होने पर यात्री ई-गेट से हवाई अड्डे में प्रवेश कर सकेंगे. उन्हें सुरक्षा जांच और विमान में चढ़ते समय सामान्य प्रक्रिया से भी गुजरना होगा. इसे भी पढ़ें – लैंड">https://lagatar.in/land-scam-ed-arrests-rajesh-rai-and-bharat-prasad/">लैंडस्कैम : ईडी ने राजेश राय और भरत प्रसाद को किया गिरफ्तार [wpse_comments_template]
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