- मांडर कस्तूरबा की दर्जनों छात्राएं शनिवार की रात पैदल रांची के लिए निकलीं, डीसी से मिलने की मांग पर अड़ीं
- समय पर नहीं मिलता नाश्ता-खाना, किताब-कॉपी और शिक्षकों की भी कमी
- बीडीओ ने सुनी समस्याएं, समाधान का दिया आश्वासन
- सोमवार को स्कूल प्रबंधन, अभिभावक और छात्राओं के साथ बैठक करेंगे बीडीओ
Mandar (Ranchi) : मांडर में शनिवार की रात उस वक्त अफरा-तफरी का माहौल हो गया, जब एक साथ 60 से ज्यादा लड़कियां रांची चलो का नारा लगाते हुए सड़क पर निकल पड़ीं. किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर हुआ क्या और यह लड़कियां कौन है. कुछ लोगों ने लड़कियों को रोककर उनसे बात की और रांची जाने का कारण पूछा. लड़कियों ने बताया कि वह सभी कस्तूरबा की छात्राएं है. स्कूल में उनका बुरा हाल है. शिक्षकों की कमी की वजह से उनकी पढ़ाई नहीं हो पा रही है. साथ ही उन्हें नाश्ता और खाना भी समय से और मेन्यू के अनुसार नहीं मिलता है. अधिकांश छात्राओं को छात्रवृत्ति नहीं मिली है. खेल सामग्री, किताब-कॉपी, बैंड ड्रेस, सांस्कृतिक कार्यक्रम का कपड़ा, मच्छरदानी व दैनिक उपयोग की चीजें उन्हें नहीं मिलती है. शिकायत करने पर उन्हें दंडित किया जाता है. शिकायत करने पर ही बीते 27 जुलाई को दसवीं कक्षा की छात्राओं को चार घंटे तक धूप में खड़ा करा दिया गया था. वह अपनी समस्याओं को लेकर रांची डीसी से मिलने जा रहीं हैं. लोगों ने छात्राओं को समझाया और कहा कि रात को पैदल जाना ठीक नहीं है. इसके बाद समझा-बुझाकर छात्राओं को मांडर थाना पहुंचा दिया गया, मगर छात्राएं रांची डीसी से मिलने की जिद पर अड़ गईं.
मांडर थाना पहुंचे बीडीओ, समस्याओं के समाधान का दिया आश्वासन
कस्तूरबा की छात्राओं का डीसी से मिलने की मांग पर अड़े रहने की सूचना मिलने ही मांडर बीडीओ सुलेमान मुंडरी मांडर थाना पहुंचे. उन्होंने छात्राओं की समस्याओं को गंभीरता से सुना और समाधान का आश्वासन दिया. बीडीओ ने छात्राओं को समझाया और कहा कि सोमवार को सभी समस्याओं की चर्चा कर दूर करने का प्रयास किया जाएगा. छात्राओं के मांडर थाना में होने की जानकारी मिलने के बाद स्कूल की वार्डेन इंदु केरकेट्टा भी पहुंची. बीडीओ ने वार्डेन से भी जानकारी ली. इसके बाद छात्राओं को समझा-बुझाकर बीडीओ ने देर रात 10 बजे के करीब छात्राओं को स्कूल पहुंचा दिया.
शुभम संदेश से बीडीओ ने कहा…
बच्चों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं को सुन लिया है. सोमवार को विद्यालय प्रबंधन समिति, अभिभावकों और छात्राओं के साथ बैठक की जाएगी. स्कूल में शिक्षकों की कमी समेत कई समस्याएं है, जिसपर चर्चा की जाएगी. इस दौरान शिक्षा विभाग के पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे.
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