Ranchi: रिम्स में दलालों की सक्रियता इतनी है कि जांच के लिए भी मरीजों को गुमराह कर निजी जांच केंद्र ले जा रहे हैं. बोकारो जिला के बंगाल बॉर्डर के पास के रहने वाले करमचंद मांझी को दलालों ने न्यूरोलॉजी ओपीडी के बाहर से पकड़कर बरियातु के निजी केंद्र में 11 हजार 500 रुपये की जांच करा दी. दलालों ने मरीज से कह दिया कि यह जांच रिम्स में जल्दी नहीं होगा और भर्ती होने के लिए तीन से चार दिन और इंतजार करना होगा. बता दें कि रिम्स में सीटी स्कैन और एमआरआई के लिए अत्याधुनिक मशीन भी लगाई गयी हैं, पर रिपोर्ट आने में तीन से पांच दिन तक लग जाते हैं. इसी का फायदा रिम्स में निजी केंद्रों के दलाल उठा रहे हैं. जल्दी रिपोर्ट पाने के चक्कर में मरीज फंस जाते हैं. बता दें कि मरीज का दोनों हाथ और पैर काम नहीं कर रहा है. मरीज के परिजनों ने बताया कि डॉक्टर ने रिपोर्ट आने के बाद ही भर्ती कराने की बात कही है.
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दो दिन से रिम्स के बाथरुम के पास पड़ा है मरीज
32 वर्षीय करमचंद मांझी अपने परिजन के साथ रिम्स इमरजेंसी गेट के पास बाथरूम के पास पड़े हैं. ठिठुरती ठंड में पूरा परिवार इस मरीज के इलाज के लिए रिम्स में रात बिताने को मजबूर है. पूरा परिवार चिकित्सक से भर्ती कर लेने के लिए बार-बार आग्रह कर रहे हैं. बता दें कि हर दिन रिम्स में ऐसे कई मरीज रहते हैं जो दलालों की ठगी का शिकार हो जाते हैं. रिम्स में दवा से लेकर बेड, खून, जांच और एंबुलेंस दिलाने के नाम पर हर दिन मरीज दलालों से ठगे जा रहे हैं.
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