Ashish Tagore
Latehar: उत्पाद विभाग की निष्क्रियता व उदासीनता के कारण जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों में नकली व अवैध शराब का कारोबार खूब फल फूल रहा है. अवैध शराब का कारोबार करने वाले लोगों का मनोबल सातवें आसमान पर है. विजयादशमी को ड्राई डे था. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में जम कर अवैध व नकली शराब की बिक्री हुई. यहां तक कि ऐसे कारोबारी जिला मुख्यालय में आकर भी अवैध व नकली शराब की आपूर्ति कर गये. ऐसे लोगों के द्वारा एनएच के किनारे अविस्थत होटल व ढाबों में शराब की आपूर्ति की गयी है. ये शराब की बोतलें कहीं से डुप्लिकेट नजर नहीं आते हैं.
शहर में पकड़ी गयी थी अवैध शराब की मिनी फैक्ट्री
बता दें कि इससे पहले पिछले साल तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन के कार्यकाल में शहर के रिहायशी इलाका धर्मपुर मुहल्ले में अवैध व नकली विदेशी शराब बनाने की एक मिनी फैक्ट्री का उदभेदन पुलिस ने किया था. उक्त फैक्ट्री से काफी मात्रा में स्प्रीट, खाली बोतल, विदेशी शराब की बोतलों के रैपर व ढक्कन आदि बरामद किया था.जिला मुख्यालय में इतनी नकली शराब बनाने की इतनी बड़ी फैक्ट्री को देख कर पुलिस भी सकते में आ गयी थी. उस समय भी उत्पाद विभाग की कार्यशैली व गतिविधियों पर सवालिया निशान लगा था.
ग्रामीण क्षेत्रों में बिक रही है अवैध देसी शराब
जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों में कई जगहों पर अवैध रूप से महुआ की देसी शराब की चुलाई का जाती है. जिला मुख्यालय के बहेराटांड़, राजहार, अमवाटीकर व गिजनियाटांड़, शीशी, कल्याणपुर, धनकारा, होटवाग, रिमिगढ़ा समेत दर्जनों गांवों में अवैध रूप से महुआ की देशी शराब की चुलाई और बिक्री की जाती है. इन ठेकों से जिला मुख्यालय में भी देशी शराब की आपूर्ति की जाती है! उत्पाद विभाग के द्वारा खानापूर्ति के लिए कभी-कभार छापामारी की जाती है. अक्सर उत्पाद विभाग के अधिकारी मैन पावर कम होने का रोना रोते पाये जाते हैं.
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