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बेबसी की ये तस्वीर देखिए…निजी एम्बुलेंस ने की मनमानी, तो बिना PPE किट अपनी गाड़ी से शव ले गये परिजन

Ranchi : राज्य सरकार के लाख दावों के बावजूद भी निजी एम्बुलेंस चालकों की मनमानी कम होने का नाम नहीं ले रहा है. सरकार ने निजी एम्बुलेंस का भाड़ा तय कर दिया है, बावजूद इसके रांची के बड़ा घाघरा निवासी ब्रिज गोसाई से निजी एम्बुलेंस चालक ने शव ले जाने के लिए पांच हजार रुपए की मांग की. इतना किराया देना परिजनों के लिए परिस्थिति अनुकूल नहीं था. जिसके मजबूरन परिजन शव को अपनी निजी गाड़ी से ही अंतिम संस्कार के लिए ले गये.

बिना पीपीई किट पहने ही ले गए शव

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले के बीच हर रोज दर्जनों लोगों की मौत हो रही है. परिस्थिति काफी भयावह होता चला जा रहा है. लोग अपनों को आंखों के सामने मरते हुए देख रहे हैं. लेकिन लाचारी के सामने लोगों की एक न चल पा रही है. लगातार.">https://lagatar.in/">लगातार.

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के पास वो तस्वीर है, वो आपको इस ध्वस्त सिस्टम से अवगत करायेगा. सरकार के लाख दावों के बावजूद जब निजी एम्बुलेंस चालक मनमाना किराया मांग रहे थे.

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कोरोना संक्रमित का शव अपने इसी निजी गाड़ी में ले जाते परिजन

तब मजबूरन मृतक के परिजन अपने सदस्य का शव अपनी निजी गाड़ी से लेकर चले गये. खैर, इस दौरान परिजन भी कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले से लापरवाह होकर बिना पीपीई किट पहने ही अपने परिजन का शव को गाड़ी में रख कर ले गए.

सदर नहीं जिला प्रशासन का काम है एम्बुलेंस उपलब्ध करवाना

वहीं इस बाबत जब लगातर.इन">https://lagatar.in/">लगातर.इन

संवाददाता ने सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एस मंडल से इस मामले की जानकारी ली. तो उन्होंने कहा कि कोरोना से मृत व्यक्ति के शव को ले जाने के लिए सदर अस्पताल एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं करवाता है. शव ले जाने के लिए एम्बुलेंस उपलब्ध करवाने का काम जिला प्रशासन का है. उन्होंने कहा कि किस परिस्थिति में वो लोग शव को अपने निजी वाहन से ले गये, इसकी जानकारी मुझे नहीं है.

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