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Nursing Day Special: पेशेंट के तीमारदार ने उतारी आरती, पैर छू लिया आशीर्वाद

Ranchi : आज अंतराष्ट्रीय नर्स दिवस है. इटली की नर्स सह नर्सिंग आंदोलन की नायिका क्लोरेंस नाइटिंगेल की जयंती पर इस दिवस को मनाया जाता है. वर्ष 2021 का थीम है : नर्स - नेतृत्वकर्ता के रूप में एक आवाज, भविष्य की स्वास्थ्य सेवा के लिए एक दृष्टि. कोरोना महामारी के समय में नर्स मां की तरह मरीजों की तरह देखभाल करती है. दिन रात सेवा में लगी नर्स परिवार से ज्यादा चिंता मरीजों की करती हैं. कोरोना काल में तो नर्स कई दिनों से अपने घर भी नहीं गयी हैं या फिर घर से अलग रहती हैं. ताकि मरीजों की जान बचायी जा सके.

नर्सों के प्रति समाज का नजरिया भी बदला है. अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर कई लोग इनके सम्मान में कार्यक्रम भी कर रहे हैं. कुछ ऐसा ही राजधानी में भी देखने को मिला. जहां के पिक्का मोड़ स्थित सिटी ट्रस्ट हॉस्पिटल में मरीजों के परिजनों ने नर्स और महिला डॉक्टर की आरती उतारी. इतना ही नहीं अस्पताल परिसर में सार्वजनिक रूप से नर्स के पैर छूए और तिलक लगाकर आर्शीवाद लिया.

अस्पताल में सभी हुए भावुक

आईआईटी इलाके के रहने वाले लक्खा उरांव (57) 3 मई को सिटी ट्रस्ट अस्पताल में भर्ती हुए थे. सिटी स्कैन में वे कोरोना पॉजिटिव पाये गये. हालत खराब होने लगी और 6 दिनों तक अस्पताल के आईसीयू में ऑक्सीजन पर रहे. लक्खा का इलाज उसी अस्पताल की डॉ मृणालिनी पांडेय की देखरेख में चल रही थी. इस बारे में डॉ मृणालिनी ने बताया कि मरीज की स्थिति बेहद नाजुक थी. ऑक्सीजन लेवल भी लगातार कम हो रहा था. जिससे अस्पताल की नर्सिंग टीम ने दिन-रात लक्खा पर नजर रखी. समय पर दवा और खासकर ऑक्सीजन लेवल का ध्यान रखा. जिससे लक्शा स्वस्थ हो गये. नर्स डे पर ही लक्खा के अस्पताल से छुट्टी मिली. लक्खा को स्वस्थ पाकर परिजनों पहले तो नर्स और डॉ मृणालिनी को नर्स डे पर बधाई दी. फिर उनकी आरती उतारी और पैर छूकर आशीर्वाद लिया. अस्पताल में इस दृश्य को देखकर सभी काफी भावुक हो गये.

नर्स जान पर खेलकर कर रही हैं सेवा : डॉ मृणालिनी

नर्स डे पर डॉ मृणालिनी ने बताया कि कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाओं में नर्सिंग कर्मी अहम भूमिका निभा रही हैं. जो 24 घंटे अपनी जिम्मेदारियां निष्ठा के साथ निभा रही हैं. इस दौर में चिकित्सीय स्टाफ ने अपना सब कुछ झोंक रखा है. इनमें नर्स बेहद अहम भूमिका निभा रही हैं. जान जोखिम में डालकर मरीजों का इलाज करने में मदद कर रही हैं. अपने घरों से दूर, परिवार से दूर रहकर भी अपनी ड्यूटी पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ कर रही हैं.