Search

किसानों ने कृषि कानूनों की प्रतियां जला कर लोहड़ी पर्व मनाया, गणतंत्र दिवस ट्रैक्टर परेड की तैयारी की अपील

NewDelhi : लोहड़ी पर्व  पर बुधवार को दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर  प्रदर्शनकारी किसानों ने तीन कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं. किसानों ने केवल कृषि कानूनों की प्रतियां ही नहीं जलाईं, चूंकि, लोहड़ी के मौके पर पतंगें उड़ाने का भी रिवाज है, इसलिए सरकार विरोधी नारे लिखकर पतंगें उड़ाई गयी. इसे भी पढ़ें : टीएमसी">https://lagatar.in/tmc-appeals-to-congress-left-parties-join-mamata-against-bjps-divisive-politics/17656/">टीएमसी

की कांग्रेस-वाम दलों से गुहार, भाजपा की  विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ ममता का साथ दें

किसानों के विरोध के 50 दिन पूरे 

इसी क्रम में किसानों ने दिल्ली के आसपास 300 किमी के सभी जिलों में किसानों से अपील की कि वे दिल्ली में गणतंत्र दिवस ट्रैक्टर परेड की तैयारी में लग जायें और सीमाओं पर जमा हों.  बता दें कि आज दिल्ली में किसानों के विरोध का 50 वां दिन है. सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले मंगलवार को तीनों कृषि कानूनों के लागू होने पर स्टे लगाते हुए  चार सदस्यीय समिति का गठन किया.  सीजेआई एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए समिति को दो माह का समय दिया है. इसे भी पढ़ें : दिग्विजय">https://lagatar.in/digvijay-singh-called-godse-a-terrorist-then-mp-pragya-thakur-said-congress-has-always-abused-patriots/17632/">दिग्विजय

सिंह ने गोडसे को आतंकी बताया, तो सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, कांग्रेस ने देशभक्तों को हमेशा गाली दी है

क्या प्रतिबंधित संगठन ने आंदोलनकारी किसानों को समर्थन दिया?

साथ ही SC ने बुधवार को केंद्र से एक हलफनामा मांगा कि क्या प्रतिबंधित संगठन ने आंदोलनकारी किसानों को समर्थन दिया था। अदालत में, अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया कि खालिस्तानियों ने जारी किसानों के आंदोलन में घुसपैठ करने की कोशिश की. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के जवाब में, किसान यूनियन ने घोषणा की है कि वे समिति के सामने पेश नहीं होंगे. किसानों ने कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग दोहराई है. हालांकि किसान नेताओं ने SC के अंतरिम आदेश का स्वागत तो किया, लेकिन कहा कि यह समाधान नहीं है.  समिति के सदस्यों कोकानून समर्थक करार देते हुए कहा कि पैनल ध्यान हटाने का एक तरीका है, जिससे कि सरकार पर से दबाव हट जा. और किसान अदालत में उलझ जायें.

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp