LagatarDesk: आज मकर संक्रांति का पर्व है. मकर संक्रांति को देशभर में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. उत्तर भारत में इसे मकर संक्रांति, असम में इस दिन को बिहू और दक्षिण भारत में इस दिन को पोंगल के नाम से जानते हैं. झारखंड में इस दिन टुसू और सोहराय पर्व मनाया जाता है. आज के दिन स्नान और दान का काफी महत्व होता है. साथ ही लोग मकर संक्रांति पर पतंग भी उड़ाते हैं. पतंग उड़ाना इस त्योहार की एक खास परंपरा है.
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मकर संक्रांति के दिन दान-पुण्य करना शुभ माना जाता है. लोग आज के दिन भोजन में नये अन्न की खिचड़ी बनाते हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं. मकर संक्राति के दिन किये गये काम सौ गुणा फल देते हैं.
किसान आभार दिवस के रूप में मनाते हैं मकर संक्रांति
पंजाब, यूपी, बिहार और तमिलनाडु में यह समय नयी फसल काटने का होता है. इसलिए किसान इस दिन को आभार दिवस के रूप में भी मनाते हैं. इस दिन तिल और गुड़ की बनी मिठाई बांटी जाती है.
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मौसम पर पड़ता है असर
मकर संक्रांति के बाद से मौसम परिवर्तन में भी होने लगता है. मकर संक्रांति से ठंड कम होने लगती है और वसंत ऋतु की शुरुआत होती है. मकर संक्रांति के दिन सिर्फ खिचड़ी ही नहीं, तिल से जुड़े दान और प्रयोग भी लाभ देते हैं. दरअसल, ये मौसम में परिवर्तन का समय होता है. ऐसे में तिल का प्रयोग विशेष हो जाता है.
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जानें मकर संक्रांति का महत्व
इस पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायण भी कहा जाता है. इस के दिन गंगा स्नान, व्रत, कथा, दान और भगवान सूर्य की उपासना करने का विशेष महत्त्व है. मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन तिल, गुड़ और खिचड़ी के दान से किस्मत बदलती है. शास्त्रों में मकर संक्रांति पर गंगा स्नान की विशेष महिमा बतायी गयी है. इस साल मकर संक्रांति पर विशेष योग बन रहा है, क्योंकि सूर्य के साथ पांच अन्य ग्रह (सूर्य, शनि, बृहस्पति, बुध और चंद्रमा) मकर राशि में विराजमान रहेंगे.