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किसानों को हॉर्टिकल्चर, फूल, मशरूम, स्ट्रॉबेरी की खेती का मिलेगा प्रशिक्षण, पपीता के आठ लाख पौधे लगेंगे

Ranchi : सूबे की हेमंत सरकार अब किसानों को हॉर्टिकल्चर, फूल, मशरूम, सब्जी और स्ट्राबेरी के उत्पादन को लेकर प्रशिक्षण दिलाएगी. ऐसा करने का उद्देश्य कृषि का चौमुखी विकास कर लोगों को रोजगार देने और उनकी आय बढ़ाना है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद कृषि विभाग के अधिकारी इस काम में जुट गये हैं. इसके लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य सरकार की ओर से बजट भी निर्धारित किया गया है. दरअसल यह कार्यक्रम किसानों, युवाओं और महिलाओं को उद्यानिकी से जुड़ी योजनाओं के तहत विभिन्न तरह के प्रशिक्षित करने का हैं.

मिर्च और मशरूम की खेती का प्रशिक्षण

मिर्च और मशरूम की खेती को बढ़ावा देना भी पहल का हिस्सा है. इसके तहत होंगी ये पहल- • जनजातीय क्षेत्रीय उपयोजना के तहत आनेवाले 13 जिलों रांची, खूंटी, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, दुमका, पाकुड़, लातेहार के 420 हेक्टेयर. • क्षेत्रीय योजना के तहत हजारीबाग, रामगढ़, देवघर, गोड्ड़ा, चतरा, धनबाद, पलामू एवं बोकारो सहित 11 जिलों के 210 हेक्टेयर. • अनुसूचित जातियों के लिए विशेष घटक योजना के अन्तर्गत हजारीबाग, रामगढ़, देवघर, गोड्डा, गिरिडीह, चतरा, बोकारो, कोडरमा, गढ़वा, धनबाद पलामू एवं बोकारो सहित 11 जिलों में 700 हेक्टेयर क्षेत्र में मिर्च की खेती को बढ़ावा देने की योजना है. साथ ही मशरूम उत्पादन के लिए सभी जिलों के कृषकों को नयी तकनीक पर आधारित पांच दिवसीय प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसे भी पढ़ें- यूजीसी">https://lagatar.in/ugc-net-dates-rescheduled-now-second-slot-exam17th-to-25th-october/">यूजीसी

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खुले वातावरण में होगी फूल की खेती

कृषक फूलों की खेती के लिए प्रेरित हों, इसके लिए सरकार प्रयासरत है. इसके लिए राज्य के सभी जिलों में चयनित स्थलों पर फूल की खेती की जायेगी. राज्य में कुल 1000 हेक्टेयर क्षेत्र में फूल की खेती को बढ़ावा दिया जायेगा. सरकार पपीता की खेती को भी प्रोत्साहित कर रही है. इससे जहां किसानों की आय में वृद्धि होगी, वहीं ग्रामीणों को भी पौष्टिक फल सुलभ होगा. सरकार ने राज्य के विभिन्न जिलों में वित्तीय वर्ष 2021-22 में करीब आठ लाख पपीते के पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है. इसी तरह से कृषकों को टिश्यू कल्चर, स्ट्राबेरी, पॉली हाउस निर्माण, सब्जी की खेती, गृह वाटिका की स्थापना आदि को भी प्रशिक्षण से जोड़ने की योजना है. इसे भी पढ़ें- दो">https://lagatar.in/cid-arrested-two-cyber-criminals-accused-blowing-two-lakh-rupees-downloading-any-desk/">दो

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इन क्षेत्रों में मिलेगा प्रशिक्षण

सभी जिलों में उद्यानिकी फसलों के बहुमुखी विकास के लिए पहले पंचायत स्तर पर बागवानी मित्रों, प्रखंड स्तर पर उद्यान मित्रों का चयन किया जाएगा. उसके बाद कृषकों को उद्यानिकी फसलों की तकनीकी खेती से संबंधित जानकारी के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित की जाएगी. प्रशिक्षण के दौरान मिलनेवाला भत्ता, भोजन, आने-जाने, ठहरने व प्रमाण-पत्र देने की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी.

शहरी क्षेत्र के युवाओं को मिलेगा माली का प्रशिक्षण

योजना के तहत शहरी क्षेत्रों के युवाओं को माली का प्रशिक्षण भी दिया जाना है. इससे जहां शहरी क्षेत्रों में बागों, पार्कों के सौंदर्यीकरण को बढ़ावा मिलेगा. वहीं युवा आत्मनिर्भर भी होंगे. यह प्रशिक्षण राज्य सरकार और भारत सरकार के चिह्नित संस्थानों या एग्रीकल्चर स्किल काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त संस्थानों के माध्यम से होगा. माली का निःशुल्क प्रशिक्षण 25 दिन का होगा. [wpse_comments_template]

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