Chandil : केंद्र सरकार द्वारा किसानों के साथ वादाखिलाफी के कारण सोमवार को किसान खेत मजदूर संगठन ने विश्वासघात दिवस मनाया. वादा खिलाफी के आरोप लगाकर संगठन ने केंद्र सरकार का पुतला चांडिल चौक बाजार पर जलाया. संगठन के जिला सचिव आशु देव महतो ने कहा कि 708 किसानों के बलिदान में महान ऐतिहासिक किसान आंदोलन देश और दुनिया के मेहनतकश लोगों के लिए शाश्वत प्रेरणा का स्रोत बन गया है. केंद्र में भाजपा सरकार द्वारा दमन और बर्बरता के सभी रूपों की अनदेखी करने के उद्देश्य से दृढ़संकल्प से भरे दिल्ली में ऐतिहासिक किसान आंदोलन ने आखिरकार सरकार को तीन किसान विरोधी और जनता विरोधी कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए मजबूर कर दिया है. ऐतिहासिक किसान आंदोलन ने न्यूनतम समर्थन मूल्य अधिनियम का पालन करने और बिजली विधेयक `2021 को निरस्त करने के अपने लिखित वादे को पूरा नहीं किया है. इतना ही नहीं सरकार की ओर से प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज सभी झूठे मामलों को वापस लेने और शहीदों व घायलों के परिवार को उचित वित्तीय नुकसान की भरपाई करने का वादा किया गया था. दो महीने बीत चुके हैं. केंद्र की भाजपा सरकार ने कोई वादा नहीं निभाया. इसे भी पढ़ें : चाकुलिया:">https://lagatar.in/chakulia-abduction-of-a-minor-girl-with-the-intention-of-marriage-bjp-met-the-station-in-charge-for-action/">चाकुलिया:
शादी की नीयत से नाबालिग लड़की का अपहरण, कार्रवाई के लिये थाना प्रभारी से मिले भाजपाई दरअसल मोदी सरकार महज एक मुखौटा है, असली दुश्मन अदानी, अंबानी समेत कॉर्पोरेट ग्रुप हैं. 135 करोड़ किसान, मजदूर, छात्र, युवा और मेहनतकश जनता के प्रति उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है. केवल धोखा है. संगठन ने एआईकेकेएमएस, संयुक्त किसान मोर्चा के इस ऐतिहासिक किसान आंदोलन की शुरुआत के बाद से एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसलिए आज केंद्र सरकार के खिलाफ विश्वासघात दिवस मनाया गया. मौके पर जिला सचिव आशुदेव महतो, भुजंग मछुआ, मनोज महतो, धीरेन गोढ़, मनीष महतो, प्रभात कुमार महतो आदि मौजूद थे. [wpse_comments_template]
चांडिल में किसान खेत मजदूर संगठन ने केंद्र सरकार का पुतला फूंका

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