Ranchi : विश्व खाद्य दिवस के मौके पर झारखंड की कृषि, पशुपालन और सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने किसानों से कहा कि वे नई तकनीक से खेती करें ताकि उनकी कमाई बढ़े और वे आत्मनिर्भर बनें.
मंत्री ने कहा कि किसान हर हफ्ते एक दिन प्रखंड कार्यालय जरूर जाएं, ताकि उन्हें सरकारी योजनाओं की जानकारी मिले और वे उसका लाभ उठा सकें. वे ICAR गढ़खटंगा में आयोजित किसान गोष्ठी और इनपुट वितरण कार्यक्रम में बोल रही थीं.
इस कार्यक्रम में महिला किसानों को सम्मानित किया गया और उन्हें बीज दिए गए. मंत्री ने कहा कि हमें यह देखना चाहिए कि हम जो भोजन खा रहे हैं, वह कितना स्वस्थ और सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि ज्यादा रासायनिक खाद डालने से मिट्टी कमजोर होती है और लोगों का स्वास्थ्य भी बिगड़ता है.
मंत्री ने बताया कि ICAR और BAU जैसे संस्थान खेती में लगातार नई तकनीक पर काम कर रहे हैं. कार्यक्रम में किसानों को धान की नई किस्म भी दिखाई गई. इसके बाद मंत्री IHM ब्रांबे में आयोजित 'मिलेट फेस्ट 2025' में शामिल हुईं.
उन्होंने कहा कि अब लोग मोटे अनाज (मिलेट) जैसे मड़ुआ को बहुत पसंद कर रहे हैं क्योंकि यह पौष्टिक और स्वादिष्ट है.
पहले झारखंड में 20 हजार हेक्टेयर में मड़ुआ की खेती होती थी, अब यह बढ़कर 90 हजार हेक्टेयर हो गई है.
सरकार प्रति एकड़ 3 हजार रुपये की मदद दे रही है. मंत्री ने बताया कि राज्य में जल्द ही मिलेट कैफे शुरू करने की योजना है ताकि किसानों को बेहतर बाजार मिल सके.
शिल्पी नेहा तिर्की सोशल अल्फा संस्था के कार्यक्रम में भी शामिल हुईं, जो स्टार्टअप और नए विचारों को बढ़ावा देती है. यह संस्था नई चीजों को बाजार तक पहुंचाने में किसानों की मदद करती है.
मंत्री ने कहा कि खेती में कई चुनौतियां हैं, लेकिन भोजन के बिना जीवन नहीं चल सकता. हमारे किसानों की मेहनत से ही सबकी थाली में खाना आता है. कार्यक्रम में विशेष सचिव गोपाल जी तिवारी, ICAR निदेशक सुजय रक्षित, BAU कुलपति डॉ सुनील चंद्र दुबे, नाबार्ड DGM गौरव कुमार और कई अधिकारी व किसान मौजूद थे.
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