New Delhi : किसानों के लिए खुशखबरी है. वित्त मंत्रालय ने एक सवाल का जवाब देते हुए लोकसभा में सोमवार को कहा क भारत में कृषि आय पर कर लगाने का उनका कोई प्रस्ताव नहीं है. वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने आगे कहा कि पिछले पांच वर्षों में इस मुद्दे का अध्ययन करने के लिए कोई समिति नहीं बनाई गई है. भारत के संविधान का अनुच्छेद 246 कृषि आय पर कर को राज्य सूची के अंतर्गत रखता है. इस बीच संसद में एक अन्य सवाल के जवाब में सरकार ने पंजाब के किसानों का बैंकों और साहूकारों से लिए गए कर्ज को माफ करने का कोई प्रस्ताव होने से इनकार किया है.
बिबेक देबरॉय ने कृषि आय पर कर लगाने की सिफारिश की थी
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय ने 21 जनवरी को एक ऑप-एड में तर्क दिया था कि भारतीय सरकारों द्वारा कृषि आय पर कर नहीं लगाना गलत है, जिसके बाद संसद में यह मुद्दा उठाया गया था. लेख में देबरॉय ने कई सरकार द्वारा नियुक्त समितियों को सूचीबद्ध किया था, जिन्होंने कृषि आय पर कर लगाने की सिफारिश की थी. इसमें कराधान जांच आयोग की रिपोर्ट (1953-54), कृषि धन और आय के कराधान पर राज समिति (1972), चौथी पंचवर्षीय योजना ( 1969-74), पांचवें वित्त आयोग की रिपोर्ट (1969), कर सुधार समिति (1991), प्रत्यक्ष करों पर केलकर टास्क फोर्स (2002), काले धन पर श्वेत पत्र (2012) और कर प्रशासन सुधार आयोग (2014) शामिल हैं.
कुछ राज्यों में किसानों की आय दोगुनी हो गई
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि किसानों की आय दोगुनी करने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा था कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 2022 में कुछ राज्यों में किसानों की आय दोगुनी हो गई है. रिपोर्ट के मुताबिक. कर्नाटक में कपास और महाराष्ट्र में सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों की आय दोगुनी हो गई है.
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