विशेष शाखा के आईजी ने डीजीपी व जेल आईजी को लिखा पत्र
जेलों में कई गिरोह सक्रिय, वर्चस्व व कमाई गैंगवार की वजह
Rizwan Shams
Dhanbad : झारखंड के आधा दर्जन जेलों में खूनी गैंगवार की आशंका है. इनमें बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार रांची, धनबाद मंडल कारा, जय प्रकाश नारायण केंद्रीय कारा हजारीबाग, केंद्रीय कारा घाघीडीह जमशेदपुर, केंद्रीय कारा मेदिनीपुर पलामू और केंद्रीय कारा दुमका शामिल है. इन जेलों में गैंगवार होने की प्रबल आशंका को देखते हुए स्पेशल ब्रांच के आईजी ने झारखंड के डीजीपी व जेल आईजी को पत्र लिखकर आगाह किया है. साथ ही उपायुक्त व एसएसपी को सतर्क करते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया है. विशेष शाखा के आईजी के पत्र में हर जेल में बंद शातिर अपराधियों के गिरोह और उनके बीच टकराव के कारणों का भी जिक्र है.
पत्र में रांची के होटवार जेल के बारे में बताया गया है कि वहां कालू लामा गिरोह सक्रिय है. इस गिरोह में रोहित मंडा उर्फ बीडी मुंडा, अभिषेक मल्लिक, मो आरिफ, अमित कुमार सिंह, दीपक कुमार सिंह, अंकुश कुमार सिंह जैसे शातिर अपराधी शामिल हैं. ये लोग जेल में वर्चस्व को लेकर खूनी संघर्ष कर सकते हैं. वहीं, जमशेदपुर के घाघीडीह जेल में अखिलेश सिंह, गणेश सिंह और अमरनाथ सिंह जैसे खूंखार अपराधी कैद हैं. पिछले मार्च में परमजीत सिंह की हत्या हुई थी, जो गैंगवार का ही शिकार बना था. ऐसे में यहां भी जेल में गैंगवार की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है. केंद्रीय कारा हजारीबाग में अमन साहू, पांडेय गिरोह और श्रीवास्तव गिरोह के शातिर अपराधियों के कई सदस्य बंद हैं. इस जेल में एनटीपीसी समेत कई कोल माइंस से रंगदारी वसूलने और हिस्सेदारी को लेकर गुटीय संघर्ष की आशंका है. केंद्रीय कारा मेदिनीपुर में अक्सर गुटों में झड़प होती रहती है. यहां एक गुट नक्सली व दूसरा गिरोह अन्य अपराधियों का है. इनमें अमन साहू उर्फ अमन, फैज खान, विकास हैथी, डिक्की अंसारी और सिकंदर खान का है जबकि दूसरे गुट के हार्डकोर नक्सलियों में राजेश, दीपक हरेंद्र कालिका यादव, प्रसाद जी और सुजीत जी शामिल हैं. केंद्रीय कारा दुमका में अखिलेश सिंह, पंकज लाल, साजन अंसारी, शाहरूख हुसैन, नईम अंसारी, करण सिंह, एतवारी राम, राहत शेख, मीठू राय, मुन्ना तिवारी, मुन्ना राय जैसे शातिर अपराधी हैं. यहां पहले भी गोली चली थी. गुटों के बीच संघर्ष की प्रबल आशंका व्यक्त की गई है. धनबाद जेल में यूपी के शूटर अमन सिंह की गोली मारकर हत्या हो चुकी है. वारदात के ठीक बाद यहां दो गुटों में जमकर मारपीट भी हो चुकी है. कैदी वार्ड में तोड़फोड़ की घटना भी हुई थी. जेलर ने दोनों में मारपीट को लेकर प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी. इसके बाद जेल में बंद शातिरों को अलग-अलग जेलों में भेजा गया है. इसके बावजूद जेल प्रबंधन को विशेष नजर रखने का निर्देश दिया गया है.
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